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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का बयान भाजपा प्रदेश की शांति भंग करने और हिंसा को भड़काने की साजिश

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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा पर बड़ा इल्जाम लगाया है। भाजपा पर उन्होंने प्रदेश की शांति भंग करने और हिंसा भड़काने की साजिश करने का आरोप लगाया है। मीडिया से चर्चा कर रहे इसी दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़ की भारतीय जनता पार्टी को लेकर बड़ा बयान दिया।

मुख्यमंत्री ने भाजपा को लेकर कहा- इनके पास कुछ नहीं है, धर्मांतरण, साम्प्रदायिकता, दंगा फैलाना बस। युवा मोर्चा की रैली में पुलिस से मारपीट की गई। नारायणपुर में हुई घटना में भाजपा और आरएसएस के लोग जेल में हैं। ये लोग दंगा फैलाने का काम कर रहे हैं । इसी में मास्टरी है इनकी। इसी कारण रासुका का विरोध कर हरे थे। छटपटा रहे हैं, उनके पांव उखड़ गए हैं छत्तीसगढ़ से, जनता ने नकार दिया है तो इसी ताक में हैं कैसे पांव जमाएं।

नक्सली पीछे गए अब भाजपा वाले हिंसा फैला रहे…
एक दिन पहले सोमवार को भी मुख्यमंत्री ने भाजपा के हिंसा पर बयान दिया। उन्होंने कहा- भाजपा ने आदिवासी के हित में कोई फैसला नहीं किया। ऊपर से जमीन छीनने में भी कोई कसर नहीं छोड़े, और कानून बना रहे थे जमीन हासिल करने के लिए, लेकिन हमने उसे पलटा।

आदिवासियों की जमीन बड़े कार्पोरेट को देने की तैयारी थी। किसी आदिवासी को भाजपा ने अपने वक्त में पट्‌टा नहीं दिया। अब मुद्दा बचा नहीं है। नक्सली हमारी नीति के कारण पीछे चले गए। अब वहां हिंसा फैलाने के लिए तरह तरह के षडयंत्र कर रहे हैं भाजपा के लोग । मंगलवार को मीडिया से चर्चा में भूपेश बघेल ने ये भी कहा कि कांग्रेस राष्ट्रीय स्तर पर भारत जोड़ो अभियान और हाथ से हाथ जोड़ो अभियान चला रही है भाजपा के पास में इसका कोई तोड़ नहीं है इसलिए वे बौखलाए हुए हैं।

मनमोहन सिंह को शुक्रिया कहा था क्या
भाजपा लगातार कह रही है कि धान खरीदी के लिए रुपए केंद्र सरकार देती है। इसलिए मुख्यमंत्री को पीएम मोदी का शुक्रिया कहना चाहिए। इसके पलटवार में भूपेश बघेल ने कहा कि भाजपा की जब यहां सरकार थी तब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे, तब भाजपा के लोगों ने उनका धन्यवाद दिया था क्या तो दूसरों से क्यों उम्मीद कर रहे हैं।

भूपेश बघेल ने कहा- हमारी सरकार ने धान खरीदी 4 साल में 50 लाख से बढ़कर दुगनी कर दी है। वे तो 50-55 लाख तक भी नहीं पहुंचे थे, 12 लाख से बढ़कर 24 किसान धान बेच रहे हैं। उनकी सरकार ने तो रकबा भी कम कर दिया था। भाजपा किसान विरोधी है, इसीलिए उनकी सरकार में कृषि का क्षेत्र भी काम हुआ, किसान आत्महत्या भी करने लगे थे।