छत्तीसगढ़ में इस साल विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं. इसके लिए अभी से माहौल तैयार किया जा रहा है. बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर है.
वहीं इससे पहले 6 मार्च को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बजट पेश करेंगे.
इस पर प्रदेशभर की निगाहें टिकी हुई हैं, क्योंकि इसी बजट से 2023 के विधानसभा चुनाव का रास्ता साफ हो सकता है. इसलिए बजट को लेकर आम नागरिकों में राहत की उम्मीद है.
दरअसल इस साल छत्तीसगढ़ और राजस्थान दोनों राज्यों में चुनाव होने वाले हैं. राजस्थान में कांग्रेस सरकार ने बजट पेश कर दिया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आम नागरिकों को राहत देने वाला बजट पेश किया था.
अब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार का बजट आने वाला है तो ये कयास लगाए जा रहे हैं कि छत्तीसगढ़ में भी राजस्थान मॉडल पर ही बजट आएगा.
इसको लेकर छत्तीसगढ़ के राजनीतिक गलियारों में काफी चर्चा भी हो रही है. माना जा रहा है कि जिस तरह राजस्थान सरकार ने महंगाई कंट्रोल करने के लिए बजट में राहत दी, उसी प्रकार छत्तीसगढ़ सरकार भी बजट में आम नागरिकों को राहत दे सकती है.
आपको बता दें कि अशोक गहलोत ने अपने सालाना बजट में महंगाई पर कंट्रोल करने के उद्देश्य से बजट पेश किया है. इसके अनुसार महिलाओं को सरकारी बसों में किराए में 50 प्रतिशत छूट देने का एलान किया गया है.
सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत मासिक पेंशन 500 रुपए से बढ़कर 1 हजार रुपए किया गया है. सिलेंडर के दाम आधा करने का फैसला किया गया है. इसके अनुसार 1050 रुपए का गैस सिलेंडर अब बीपीएल परिवारों को 500 रुपए में दिया जाएगा.
राजस्थान के बुजुर्गों को मासिक पेंशन 500 रुपए की जगह 1 हजार रुपए देने का प्रावधान किया गया है. सामाजिक सुरक्षा योजना के तहत 75 साल तक लाभार्थी को 1 हजार रुपए दिया जा रहा है.
हेल्थ स्कीम में कवर बढ़ाया गया है. 10 लाख की जगह 25 लाख रुपए तक फ्री इलाज होगा. इसके अलावा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 19 हजार करोड़ रुपए के महंगाई राहत पैकेज को घोषणा की है.
राजनीतिक पंडितों की मानें तो इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस छत्तीसगढ़ और राजस्थान की सरकार किसी भी कीमत में खोना नहीं चाहती है. इस लिए कांग्रेस चुनावी साल में बजट में आम नागरिकों के लिए दिल खोलकर खर्च कर रही है.
इससे पार्टी, बीजेपी के सत्ता में वापसी के सपने पर रोड़े अटका सकती है, क्योंकि राजस्थान में आधी आबादी को बस किराया में 50 प्रतिशत की छूट, गृहणियों के किचन के बजट में सुधार की कोशिश करते हुए गैस सिलेंडर के दाम कम किए गए हैं,
इसका असर चुनाव में देखने को मिल सकता है गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने 1 अप्रैल 2022 से ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू कर दिया है.
इससे पहले राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने ओपीएस लागू किया था. इसके बाद हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने ओपीएस लागू किया है. यानी कांग्रेसी राज्यों में लगभग स्कीम एक जैसी चल रही है.
इसी के चलते अंदाजा लगाया जा रहा है. छत्तीसगढ़ में भी इस चुनावी साल में राजस्थान सरकार की तर्ज पर बजट में महंगाई कंट्रोल करने पर बघेल सरकार का फोकस रह सकता है.