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Chhattisgarh Budget 2023: शराब से छत्तीसगढ़ सरकार ने की जबरदस्त कमाई, सिर्फ 10 महीने में 5 हजार 500 करोड़ का राजस्व

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Chhattisgarh Budget Session: छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र का आज तीसरा दिन है. सदन में सत्ता और विपक्ष के बीच आक्रामक बहस चल रही है.

इसी बीच आज (3 फरवरी) के सवाल-जवाब में शराब से राज्य सरकार के राजस्व प्राप्ति के आंकड़े हैरान करने वाला है.

क्योंकि जिस राज्य में शराबबंदी की प्रक्रिया चल रही है. उस राज्य में केवल 10 महीने में सरकार को शराब से 5 हजार 525 करोड़ रुपये का राजस्व मिल रहा है.

आबकारी विभाग ने कितना राजस्व वसूला

दरअसल शुक्रवार को विधानसभा के तीसरे तीन की कार्यवाही जारी है.

इस बीच बीजेपी विधायक सौरभ सिंह ने पूछा कि आबकारी से पिछले 3 वित्तीय वर्ष और इस वर्तमान वित्तीय वर्ष में 6 फरवरी तक आबकारी विभाग को कितना राजस्व प्राप्त हुआ.

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने विधानसभा में इसका लिखित जवाब दिया. इसके अनुसार 2019-20 में चार हजार 952 करोड़ 79 लाख रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ.

2020-21 में 4 हजार 636 करोड़ 90 लाख रुपये, 2021-22 में 5 हजार 110 करोड़ 15 लाख रुपये प्राप्त हुआ.

वहीं 2022-23 में 1 अप्रैल से 6 फरवरी 2023 तक 5 हजार 525 करोड़ 99 लाख रुपये का राजस्व सरकार के खाते में गया है.

मंत्री कवासी लखमा ने दिया जवाब

इसके अलावा बीजेपी की विधायक रंजना डीपेन्द्र साहू ने पूछा कि क्या वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री 1 अप्रैल 2020 से 31 जनवरी 2023 तक नए शराब दुकानों की संख्या और बंद दुकानों की संख्या मांगी है.

मंत्री कवासी लखमा ने इसका जवाब भी लिखित में जवाब दिया. उन्होंने बताया कि प्रदेश में 1 अप्रैल 2020 से 31 जनवरी 2023 तक 1 शराब की दुकान और 75 बारों को बंद किया गया.

साथ ही राज्य में 20 शराब की दुकान और 28 नये बार खोले गए है. इसके अलावा 40 ऐसे बार खुले हैं, जो पहले कोविड महामारी या अन्य कारणों से रिनेवेड कर संचालन नहीं किया जा सका था,

उसे रिनेवेड कर फिर से चालू किया गया है. इस समय में 158 देशी शराब की दुकान और 01 विदेशी शराब की दुकान का संचालन किया जा रहा है.

85 शराब दुकानों के जगह बदले गये

आबकारी विभाग ने यह भी बताया कि कोरोना काल में परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए 103 शराब की दुकानों में काउंटरों की संख्या में बढ़ोतरी की गई थी,

जिनमें से 8 काउंटरों को बंद कर दिया गया है और बाकी काउंटरों को ग्राहकों की सुविधा और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बंद नहीं किया गया.

इसके अलावा इस दौरान 85 शराब की दुकानों के स्थान परिवर्तन किये गये हैं. इसके पीछे वजह ये है कि दुकानों का जनविरोध, असुविधाजनक स्थल होने और भवन जर्जर होने के कारण परिवर्तन किया गया है.

कांग्रेस सरकार के घोषणा पत्र के अनुसार राज्य में शराबबंदी किया जाना था, लेकिन सरकार के चार साल बीतने के बाद भी शराबबंदी पर अबतक फैसला नहीं हो पाया है.

विधानसभा में विपक्ष के सवाल के जवाब देते हुए मंत्री कवासी लखमा ने शरबबंदी की दिशा में सरकार के प्रायसों की जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि शराबबंदी के लिए 3 समितियां बनाई गई है.

इसमें राजनीतिक समिति, प्रशासनिक समिति और सामाजिक संगठनों की समिति गठित है.

ये समितियां दूसरे राज्यों की आबकारी नीति और शराबबंदी के प्रभावों का अध्ययन करने के बाद सरकार को जो रिपोर्ट देगी, उसके आधार पर शराबबंदी पर निर्णय लिया जाएगा.