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Congress Crisis: 3000 करोड़ की इस योजना के लिए आपस में भिड़े कांग्रेस के दो नेता! जानिए आखिर क्या है पूरा मामला?

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Rajasthan Politics: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) की मुफ्त राशन किट वितरित करने की महत्वाकांक्षी योजना पर विवाद हो गया है. राजस्थान सरकार के खाद्य विभाग से इस योजना का काम छीनकर राजस्थान राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड (CONFED) को दे दिया है.

कॉनफैड को काम दिए जाने पर खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास (Pratap Singh Khachariyawas) ने नाराजगी जताई है.

‘मेरे विभाग को बंद कर दीजिए’

खाचरियावास ने कहा, ‘मेरे विभाग का काम दूसरे को दिया गया है. ऐसे में मेरे विभाग की आवश्यक्ता कहां है. मेरे विभाग को बंद कर दीजिए. मैं मुख्यंत्री से बात करूंगा.’ खाद्य मंत्री ने कहा, ‘कॉनफैड खुद क्या काम कर रहा है, पहले वह देख ले. किसे और क्या तकलीफ हो गई, जिससे मेरे विभाग का काम दूसरे को दे दिया गया. पहले तो यह पता चले कि समस्या क्या है. पहले योजना मेरे विभाग के माध्यम से संचालित करने का निर्णय लिया गया और अब कॉनफैड को चला जाता है. कॉनफैड की तो पहले से बहुत शिकायतें हैं. वह अपना काम ही ठीक तरीके से नहीं कर पा रहा है. उसे राशन किट बांटने का काम कैसे दिया जा सकता है?’

‘मेरे विभाग का काम दूसरे को कैसे दिया’

खाचरियावास ने आगे कहा, ‘मेरा विभाग ज्यादा अच्छी तरह से राशन किट बांटने का काम कर सकता है. राशन का गेंहू वितरित करने की पूरी प्रक्रिया मेरा विभाग संचालित करता है. पीओएस मशीन से राशन का गेंहू वितरित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अभी तो बजट ही पास नहीं हुआ. विधानसभा सत्र चल रहा है. बिना विधानसभा को विश्वास में लिए कोई कुछ कर सकता है. उन्होंने कहा कि योजना का काम मेरे विभाग से ले लिया, इसका कारण तो पूछना ही होगा. इस तरह से कार्यकारी एजेंसियां नहीं बदली जाती हैं. मेरे विभाग के नाम से योजना घोषित हुई थी. मेरे विभाग से छीनकर दूसरे विभाग को कैसे काम दिया जा सकता है.’ वहीं सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना (Udai Lal Anjana) कॉनफैड के पास यह काम रखने को लेकर लाबिंग में जुटे हैं. आंजना खाचरियावास के विभाग की कमी निकालकर उच्च स्तर तक पहुंचा रहे हैं.

मुफ्त राशन किट में क्या-क्या होगा?

मुफ्त राशन किट वितरण योजना का 3 हजार करोड़ का बजट रखा गया है. राशन किट में तेल, मिर्च पाउडर, धनिया, हल्दी, जीरा, नमक, आटे सहित रसोई में काम आने वाले अन्य सामान होंगे. एक किट पर करीब 400 रुपये की लागत आएगी. सीएम ने बजट में इस योजना की घोषणा की थी. एक अप्रैल से राशन लेने वाले हर परिवार तक यह किट पहुंचाने की तैयारी है. यह राशन किट हर महीने करीब उन एक करोड़ परिवारों को मिलेगा, जिन्हें खाद्य सुरक्षा योजना का गेहूं मिलता है.