China Study Visa: कोविड-19 महामारी की वजह चीन ने लंबे समय तक देश में विदेशी नागरिकों के आने पर रोक लगाया. अब चीन ने ऐलान किया है कि वह विदेशी नागरिकों पर लगाए गए वीजा प्रतिबंधों को हटा रहा है.
China के विदेश मंत्रालय के मुताबिक, देश में एक बार फिर से इंटरनेशनल टूरिस्ट, स्टूडेंट्स और अन्य लोगों को एंट्री देने के लिए वीजा जारी किए जाने की शुरुआत की जाएगी. इस तरह सबसे ज्यादा फायदा उन छात्रों को होगा, जो चीन की यूनिवर्सिटीज में पढ़ाई कर रहे थे. चीन सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम से भारतीय छात्रों को बड़ा फायदा मिलने वाला है. खासतौर पर वे छात्र इस फैसले से फायदे में रहने वाले हैं, जो चीन में लगे कोविड लॉकडाउन की वजह से देश वापस लौट आए.
इस वजह से उनकी पढ़ाई बीच में ही लटक गई. चीन ने भी लंबे समय तक अपने यहां स्टूडेंट्स को पढ़ाई पूरी करने के लिए आने नहीं दिया. वहीं, इमिग्रेशन अधिकारियों के मुताबिक, वीजा एप्लिकेशन संबंधी नीतियां 15 मार्च, 2023 से प्रभावी हो जाएंगी. : Taliban पढ़ेगा भारत का इतिहासभूगोल, जानें कोर्स में और क्या-क्या सीखेंगे तालिबानी नेता 15 मार्च से जारी होना शुरू होगा वीजा एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, नए वीजा को जारी किए जाने के अलावा चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि 28 मार्च, 2020 से पहले जारी किए गए वीजा के जरिए भी देश में एंट्री की जा सकती है.
चीनी विदेश मंत्रालय द्वारा जारी किए गए ऑफिशियल बयान के मुताबिक, वीजा की सभी कैटेगरी को 15 मार्च, 2023 से जारी किया जाएगा. इसमें आगे कहा गया है कि ये फैसला इसलिए लिया गया है, ताकि क्रॉस-बॉर्डर यात्रा को सुगम किया जा सके. चीन में वीजा जारी करने के लिए अपडेटेड पॉलिसी क्रूज जहाजों के जरिए शंघाई आने वालों और हांगकांग, मकाऊ और आसियान क्षेत्रीय समूह के देशों के कुछ पर्यटक समूहों के लिए वीजा फ्री ट्रैवल फिर से शुरू करने की दिशा में भी काम करेगी. हालांकि, चीन ने ये नहीं बताया है कि देश में एंट्री के दौरान लोगों को वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट या कोविड टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट की जरूरत होगी या नहीं. : न्यूजीलैंड में पाएं नौकरी, स्किल और माइग्रेंट वर्कर्स के लिए लॉन्च हुआ रिकवरी वीजा, ऐसे करें अप्लाई एक साल पहले भारत में चीन के राजदूत ने कहा था कि भारतीय छात्रों को उनके देश में फिर से पढ़ाई करने का जल्द ही मौका दिया जाएगा. दरअसल कोविड की वजह से चीन में सख्त लॉकडाउन लागू किया गया और सभी विदेशी नागरिकों को देश छोड़ने को कहा गया. इस वजह से चीन में पढ़ रहे हजारों भारतीयों को वापस देश लौटना पड़ा.