BJP Targets Muslim Voters: देश में अगले साल लोकसभा चुनाव होने वाले हैं. पीएम मोदी के नेतृत्व में बीजेपी सत्ता की हैट्रिक लगाने की कोशिश में है. इसके लिए पार्टी इस बार मुस्लिम वोटरों को साधने की कोशिश कर रही है.
पार्टी ने 15 मार्च ने सूफी संवाद महाअभियान कार्यक्रम की शुरुआत करने जा रही है. इसको लेकर बीजेपी ने 150 नॉन पॉलिटिकल लोगों की एक टीम बनाई है.
जानकारी के मुताबिक, यह टीम मुस्लिम समाज के लोगों को मोदी सरकार की ओर से उनके लिए किए गए कामों की जानकारी देगी. इसके तहत विभिन्न संवाद कार्यक्रमों के जरिए तकरीबन 1 साल तक देशव्यापी अभियान चलाया जाएगा और इस साल के अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा.
मुस्लिम समुदाय पर बीजेपी की नजर
जानकारी के मुताबिक, सूफी संवाद महाअभियान का मुख्य फोकस मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में रहेगा. ऐसी लोकसभा सीट जहां पर मुस्लिमों की आबादी 20 फीसदी से अधिक होगी, वहां पर इस कार्यक्रम को प्रमुखता से आयोजित किया जाएगा. इसके तहत, उत्तर प्रदेश, केरल, बिहार, पश्चिम बंगाल सहित कई राज्यों में सघन कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.
प्रधानमंत्री मोदी ने बीजेपी की तेलंगाना कार्यसमिति में अल्पसंख्यक समुदाय तक अपनी पहुंच स्थापित करने की बात की थी. उन्होंने पार्टी नेताओं से इस तरह के संवाद कार्यक्रम को स्थापित करने का आग्रह किया था.
यूपी की इन सीटों पर फोकस
उत्तर प्रदेश की बात करें तो सहारनपुर, मेरठ, रामपुर और आजमगढ़ जिलों में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. वहीं बिहार के किशनगंज, अररिया और कटिहार जैसे लोकसभा क्षेत्रों पर इस तरह के विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. इसके अलावा पश्चिम बंगाल और केरल में भी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.
बीजेपी का मानना है कि 2024 में 2014 और 2019 की अपेक्षा बड़ी जीत हासिल करने के लिए मुस्लिम समुदाय का समर्थन पार्टी हासिल कर सकती है. मोदी सरकार ‘सबका साथ और सबका विकास’ के मंत्र पर काम करती है. इस प्रयास के माध्यम से अल्पसंख्यक समुदाय के एक बड़े हिस्से को बीजेपी अपने पाले में कर सकती है.