साइंस कॉलेज, रायपुर के “हीरक जयंती वर्ष” के उपलक्ष में जनभागीदारी समिति के द्वारा आज ‘सतरंग’ कार्यक्रम, रायपुर पश्चिम के विधायक विकास उपाध्याय के मुख्य आतिथ्य में संपन्न हुआ।
रंगारंग ‘सतरंग’ प्रस्तुति
इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के चार उत्कृष्ट पूर्व छात्रों को भी सम्मानित किया गया। विश्व स्तरीय खेल उद्घोषक जसवंत क्लॉडियस, विश्व स्तरीय बॉडी बिल्डिंग निर्णायक एवं खेल प्रशासक संजय शर्मा, भारतीय
वायु सेना के पूर्व अधिकारी ग्रुप कैप्टन सतीश मिश्रा एवं मशरूम के लिए प्रगतिशील महिला कृषक नम्रता यदु को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ पी सी चौबे ने महाविद्यालय के 75 वर्ष की यात्रा को इंगित किया। जन भागीदारी समिति के अध्यक्ष डॉ विकास पाठक ने जन भागीदारी समिति के योगदान का वर्णन किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के जन भागीदारी समिति के सदस्यों को भी सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के दूसरे चरण में महाविद्यालय के छात्र छात्राओं ने रंगारंग कार्यक्रम की प्रस्तुति दी। छात्रों ने छत्तीसगढ़ी, ओड़िया, मराठी, राजस्थानी, पंजाबी और केरल के नृत्यों को प्रस्तुत किया।
मालविका नायर ने ‘शिव तांडव’ शास्त्रीय एकल नृत्य को प्रस्तुत किया। युवाज बैंड ने ‘मैडली’ गीत एवं ‘कव्वाली’ प्रस्तुत किया। प्रियंका मिश्रा के द्वारा प्रस्तुत गीत ने सभी दर्शकों को मोह लिया।
इस कार्यक्रम में राघव, श्रुति, अन्नपूर्णा, प्रियंका, प्रभा, श्रेया, चेतना, फरहान, सीपज, आयुष, करण, प्रशांत, हिमांशी, खुशी, ईश्वर, देवांश, वर्षा, दीक्षा, कुसुम, तोरण, चम्पेश्वर, ईशा, हेमा, रमा, मुस्कान, पूर्वी, लक्ष्मी, चंचल, उमा, सुष्मिता, अंशिका, सूरज, भावेश, भूमिका, खुशबू आदि ने अलग-अलग प्रस्तुतियां प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन छात्र प्रशांत यादव, कुसुम साहू, खुशी श्रीवास्तव और नूपुर साहू ने किया। कार्यक्रम की व्यवस्था में हितेश पटेल, देवा जोशी, सूरज पराते, आदि छात्रों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाया।
महाविद्यालय के प्राचार्य द्वारा मांग रखे जाने पर मुख्य अतिथि विकास उपाध्याय ने महाविद्यालय के लिए :कैंटीन भवन निर्माण’ हेतु घोषणा किया। उन्होंने जन भागीदारी समिति के कार्य को सराहा। विकास उपाध्याय ने साइंस कॉलेज के अनगिनत पूर्व छात्रों द्वारा राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर उनके विशिष्ट योगदान को याद किया। प्रो. रूपिन्दर दीवान ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम के संयोजक प्रो गिरीश कान्त पांडेय रहे।