इंदौर, एमजीएम मेडिकल कॉलेज में सोमवार को वायरल रिसर्च डायग्नोस्टिक लैब का शिलान्यास चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ने किया। लैब बनने से स्वाइन फ्लू, डेंगू, चिकनगुुनिया, ई बोला व हेपेटाइटिस बी के वायरस की जांच इंदौर में ही हो सकेगी। इसके लिए भोपाल या जबलपुर की लैब पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। इंदौर सहित संभाग के सभी मरीजों को इसका लाभ मिल सकेगा।
शिलान्यास कार्यक्रम में पहुंचीं डॉ. साधौ ने कहा कि समाज के हर वर्ग को बेहतर इलाज मिले, यह सरकार की पहली प्राथमिकता रहेगी। लोग प्राइवेट अस्पतालों में जाते हैं। जब वहां गंभीर स्थिति होती है तो एमवायएच भेज दिया जाता है। डॉक्टरों को अपने काम के दौरान कई परिस्थितियों से गुजरना पड़ रहा है। अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। इसके बाद भी वहां आने वाले सभी लोगों को इलाज मिल रहा है। लोगों को भी डॉक्टरों का सम्मान करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी इलाज की कमी है जिसे लेकर सरकार सुविधा व स्टाफ दोनों बढ़ाने पर काम कर रही है। विधानसभा में ऑर्गन ट्रांसप्लांट का संकल्प पारित कराया गया है। इससे लिवर, किडनी व हार्ट ट्रांसप्लांट के रास्ते खुल सकेंगे। इसके लिए मेडिकल कॉलेजों में बनाए जा रहे सुपर स्पेशिएलिटी अस्पतालों में सुविधा उपलब्ध कराएंगे।
पांच से छह माह में होगी तैयार
कार्यक्रम में मौजूद संभागायुक्त आकाश त्रिपाठी ने बताया कि अभी जो सैंपल जांच के लिए भेजे जा रहे हैं, वे भोपाल से दो से तीन दिन में पहुंचते हैं। शहर में लैब बनने से जांच रिपोर्ट जल्द मिलेगी। पांच से छह माह में कॉलेज के वायरोलॉजी विभाग के अधीन यह लैब बनकर तैयार होगी। लैब के लिए पद स्वीकृत करने का काम हो रहा है। जल्द ही उपकरण उपलब्ध कराने का भी प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। एमजीएम मेडिकल कॉलेज की डीन डॉ. ज्योति बिंदल ने बताया कि नई तकनीक से जांच होने पर मरीजों को बेहतर इलाज मिल सकेगा।