नई दिल्ली। हवाई जहाज में सफर करने वालों को एक नई सुविधा मिलने वाली है। अप्रैल से फ्लाइट में फोन पर बात किया जा सकेगा। दूरसंचार विभाग ने फ्लाइट कनेक्टिविटी के लिए 3 कंपनियों को लाइसेंस दिया हैं। इनमें ह्यूजेस, टाटा टेलीनेट और बीएसएनएल शामिल हैं। इन कंपनियों को 10 साल का लाइसेंस मिला है।
अब इन्हें घरेलू ऑपरेटरों के साथ करार करके इस खास सर्विस की शुरुआत करनी होगी। स्पाइजेट और इंडिगो ने इस तरह की सेवा देने में दिलचस्पी दिखाई है। इसके लिए टिकट से साथ कनेक्टिवटी पैकेज मिल सकता है। शुरू में 2 घंटे के इस पैकेज के लिए 500-700 रुपए चुकाने पड़ सकते हैं।
पिछले साल दिसंबर में सरकार ने इन सेवाओं के लिए नियमों की अधिसूचना जारी कर दी है। इसके अनुसार फ्लाइट में मोबाइल सेवाएं तभी दी जाएंगी जब विमान 3000 मीटर से ज्यादा ऊंचाई पर उड़ने लगे।देश में सक्रिय भारतीय और विदेशी एयरलाइन और शिपिंग कंपनियां वैध भारतीय टेलीकॉम लाइसेंसधारक कंपनियों के साथ मिलकर यात्रियों को सफर के दौरान वॉइस और डाटा सेवाएं दे सकेंगी।
14 दिसंबर 2018 को जारी अधिसूचना के अनुसार फ्लाइट एंड मैरीटाइम कनेक्टिविटी रूल्स, 2018 लागू किए गए हैं। इन-फ्लाइट एंड मेरीटाइम कनेक्टिविटी (आईएफएमसी) सेवाएं जमीन पर टेलीकॉम नेटवर्क के साथ सैटेलाइट का इस्तेमाल करके उपलब्ध कराई जा सकेंगी।