प्रदेशभर में लोकसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर है। प्रदेश सरकार ने सभी पुलिस अधीक्षकों से सक्रिय हिन्दू संगठनों की सूची थानेवार मांगी है। लोकसभा चुनाव से तकरीबन दो महीने पहले राज्य सरकार का यह कदम राजनीतिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। यह कदम राज्य सरकार के लोकसभा चुनाव से पहले संगठनों पर नकेल कसने की कवायद से जोड़कर देखा जा रहा है। पुलिस मुख्यालय से 15 फरवरी को सभी 27 जिला पुलिस अधीक्षकों को इस संबंध में पत्र भेजा गया है। यही नहीं पुलिस अधीक्षकों को मामले को गंभीरता से लेने के लिए भी कहा गया है। आपको बता दें कि प्रदेश में 500 से अधिक थाने हैं। इनमें सौ शहरी और शेष ग्रामीण हैं। निर्देश के बाद से पुलिस थानेवार यह जानकारी जुटाने में लग गई है। प्रदेश में संघ के करीब 36 से अधिक अनुशांगिक संगठन हैं। कई अधिकारी और कर्मचारी भी सदस्य और पदाधिकारी हैं। इतना ही नहीं वे सभी रोजाना संघ की शाखाएं भी अटेंड करते हैं। इनकी जानकारी लेकर उन्हें चिन्हित रखा जाएगा।
देनी होगी यह जानकारी
सभी सगठनों जिनकी सूची तैयार की जा रही है उनको पुलिस अधीक्षकों को जिले में कार्यरत संगठन का नाम, उसका पंजीयन क्रमांक, उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष, जिलाध्यक्ष और पदाधिकारियों के नाम, पद-पते की जानकारी देनी होगी। साथ ही यह भी बताना होगा कि इन संगठनों का उद्देश्य क्या है और अब तक की इनकी गतिविधियों क्या रही हैं। इनकी गतिविधियों का समाज पर प्रभाव भी बताना होगा। ये किसी किसी राजनीतिक पार्टियों से जुड़े हैं या नहीं, ये भी बताना होगा।
विरोधी संगठनों पर नकेल कसने की तैयारी
प्रदेश कांग्रेस कमिटी और हिन्दू संगठनों के विचारों में हमेशा से मतभेद रहे हैं। लोकसभा चुनाव से पहले शासन उन पर कड़ी नकेल कसना चाहती है। कई हिन्दू संगठन ऐसे भी हैं जो खुलकर कांग्रेस पार्टी के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर कर चुकी है।