कोरबा। बंद सवारी गाड़ियों से यात्रियों को हो रही परेशानी से अवगत कराते हुए रेलवे को धरना प्रदर्शन की चेतावनी दी गई थी। इस पर क्षेत्रीय रेल प्रबंधक ने बिलासपुर मुख्यालय में आला अफसर से चर्चा कर 10 मार्च तक स्थिति दुरूस्त करने का समय मांगा। इस पर माकपा ने पांच मार्च को प्रस्तावित आंदोलन स्थगित करने के आश्वासन देते हुए कहा कि यदि सकारात्मक पहल नहीं हुई, तो 12 मार्च को रेल चक्काजाम किया जाएगा। लगभग दो माह से गेवरारोड, कोरबा से चलने वाली ट्रेनों की चाल बिगड़ी हुई है। मेंटेनेंस के नाम पर 15 दिन सभी ट्रेनों का परिचालन बंद रखा गया। वर्तमान में डेढ़ माह के लिए तीन गाड़ियों का परिचालन पूर्णत: बंद कर दिया गया है और मालगाड़ी का परिचालन कर कोयला लदान बढ़ाया जा रहा है। इससे वर्तमान में चल रही ट्रेन भी विलंब हो रही है। यात्रियों को खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है। माकपा के उपमहासचिव ने रेल प्रबंधन को पत्र लिख कर सवारी गाड़ियों का परिचालन पुन: शुरू करने एवं समय पर ट्रेन चलाने की मांग करते हुए कहा था कि सकारात्मक पहल नहीं होती है तो पांच मार्च को धरना प्रदर्शन एवं 12 मार्च को रेल चक्काजाम किया जाएगा। इस पर क्षेत्रीय रेल प्रबंधक अरिजीत सिंह की उपस्थिति में सोमवार को बैठक आयोजित की गई। बैठक में प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि यात्री गाड़ी बंद कर मालगाड़ी का परिचालन बिना किसी रुकावट लगातार करते हुए प्रतिदिन लगभग बीस करोड़ रुपए का राजस्व अर्जित किया जा रहा है, लेकिन यात्री सुविधा के नाम पर जनता के साथ धोखा किया जा रहा है। रेललाइन के आधुनिकीकरण के नाम पर यात्री ट्रेनों का निरस्त किया जाना न्याय संगत नहीं है। जिले की सड़क की स्थिति काफी दयनीय है और रोजाना दुर्घटना होने से लोगों की जान जा रही है। इस पर एआरएम सिंह ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि सभी ट्रेन पुन: चालू करने की कवायद की जा रही है और इस मसले पर उच्च अधिकारियों से चर्चा कर 10 मार्च तक समस्या निराकरण का प्रयास किया जाएगा। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि पांच मार्च को प्रस्तावित धरना प्रदर्शन स्थगित किया जाता है, पर दस मार्च तक सकारात्मक पहल नहीं होती है तो 12 मार्च को रेल चक्काजाम किया जाएगा। इस मौके पर माकपा नेता वीएम मनोहर, जनाराम कर्ष समेत अन्य सदस्य उपस्थित रहे।