ऐसे समय में जब भारत पर पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद का खतरा बढ़ता जा रहा है, रूस के साथ परमाणु ताकत से लैस तीन पनडुब्बियों की डील फाइनल हो गई है। भारत और रूस ने गुरुवार को अकुला क्लास की तीन पनडुब्बियों की डील को सील किया है। इन पनडुब्बियों को चक्र III के नाम से जाना जाएगा। ये पनडुब्बियां साल 2025 तक इंडियन नेवी को मिल जाएंगी।
10 वर्ष के लिए मिलेंगी इंडियन नेवी को
सेना के सूत्रों की ओर से दी गई जानकारी पर अगर यकीन करें तो ये पनडुब्बियां 10 वर्ष तक के लिए इंडियन नेवी को मिलेंगी। दोनों देशों के बीच एक अंतर-सरकार समझौता साइन हुआ है। कई माह तक तक डील की कीमत और दूसरी बातों को लेकर दोनों देशों के बीच कई दौर की वार्ता हुई। यह तीसरी पनडुब्बी है जो रूस की ओर से इंडियन नेवी को मिलेगी। रक्षा मंत्रालय की ओर से डील के बारे में कोई भी तरह की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया गया। भारत, हिंद महासागर में चीन के प्रभाव को कम करने की कोशिशों के तहत नौसेना को ताकतवर करने में लगा हुआ है।
साल 1988 में रूस से मिली थी पहली पनडुब्बी
इंडियन नेवी ने पहले ही रूस से दो पनडुब्बियों को लीज पर लिया हुआ है। भारत ने साल 1988 में पहली रूसी परमाणु पनडुब्बी ली थी जिसे तीन वर्ष की लीज पर दिया गया था। इसे आईएनएस चक्र के नाम से जाना गया था। इसके बाद साल 2012 में 10 वर्ष के लिए एक और पनडुब्बी ली और इसे भी आईएनएस चक्र नाम दिया गया था। आईएनएस चक्र II की लीज साल 2022 में खत्म हो जाएगी। भारत फिलहाल इसकी लीज को बढ़ाने पर विचार कर रहा है। आईएनएस चक्रIII की डील ऐसे समय में फाइनल हुई है जब भारत और रूस ने इंडियन आर्मी के लिए देश में ही एके-203 असॉल्ट राइफल्स के उत्पादन से जुड़े एक प्लांट को भारत में ऑपरेशनल किया गया है। यह प्लांट उत्तर प्रदेश के अमेठी में हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में इसका उद्घाटन किया है। भारत ने अक्टूबर 2018 में रूस के साथ ही एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम की डील को भी मंजूरी दी है।