धूम्रपान की लत की वजह से युवाओं में नपंसुकता बढ़ रहा है। एक रिसर्च के मुताबिक, स्मोकिंग की लत तेजी से नपुंसकता को बढ़ा रही है। लखनऊ की किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के यूरोलॉजी विभाग की एक रिसर्च में ये दावा किया गया है। रिसर्च कहती है कि सिरगेट के आदी मर्दों के स्पर्म घटते हैं और ऐसे लोगों के स्पर्म कमजोर भी पड़ रहे हैं।
तेजी से बढ़ी ऐसे मरीजों की संख्या
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के यूरोलॉजी विभाग की ये रिसर्च कहती है कि उनके यहां आने वाले ऐसे मरीजों की संख्या बीते दो साल में दोगुना से ज्यादा बढ़ गई है, जिन्हें स्पर्म कम होने के साथ-साथ स्पर्म की कमजोर होने की भी शिकायत है। इसके पीछे लगातार स्मोकिंग एक वजह सामने आई है।
छह साल तक चसी रिसर्च
रिसर्च करने वाली टीम को लीड करने वाले किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के यूरोलॉजी विभाग के प्रोफेसर एस एन शंखवार के मुताबिक, डिपार्टमेंट 2012 से 2018 तक छह साल यह स्टडी चली। इसमें 150 मरीजों पर जांच की गई। रिसर्च में पाया गया कि स्मोकिंग करने से वो कोशिकाएं खत्म हो रही हैं, जिनसे फ्री रैडिकल निकलते हैं। जिससे धमनियां सिकुड़ने लगती हैं और इनका लचीलापन कम होता जाता है। इसका सीधा असर स्पर्म पर पड़ता है।
दो साल से बढ़े ऐसे मरीज
शंखवार ने बताया कि विभाग में इन्फर्टिलिटी क्लीनिक भी चलाई जा रही है। इसमें इन्फर्टिलिटी से पीड़ित 20 से 45 साल के औसतन 10 मरीज हर दिन आ रहे हैं। इनमें 70 से 80 प्रतिशत लोग ऐसे हैं, जिन्हें स्मोकिंग की वजह से यह समस्या हुई है। दो साल पहले ऐसे मरीजों की संख्या तीन से चार हुआ करती थी। उन्होंने बताया कि स्मोकिंग की आदत छुड़वाने के लिए भी कॉलेज में काउंसलिंग कराई जा रही है।