कलेक्टर दीपक सोनी ने गुरुवार को स्वाइन फ्लू पीड़ित एक मरीज सामने आने के बाद अपील जारी कर आमजनों से कहा है कि इससें डरने की जरूरत नहीं हैं, बल्कि कुछ छोटे सुरक्षात्मक कार्य से इस बीमारी से बचा जा सकता है, स्वाइन फ्लू के बारे में सोशल मीडिया अथवा अफवाहों से बचने के लिए कहा है। बीमारी के लक्षण अब तक पीड़ित बच्ची के घर के आसपास रहने वाले क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग कैंप कर लगातार निगरानी कर रहा है। कही भी इस बीमारी सें संबंधित या लक्षण का मामला कोई भी सामने नहीं आया है। इस कारण डरने की किसी प्रकार के जरुरत नहीं है। केवल कुछ सुरक्षात्मक दिनचर्या सें आसानी से इस बीमारी से बचा जा सकता है। अगर किसी को इसका लक्षण लगे तो वह छींकते एवं खांसते समय मुंह को रूमाल-कपड़े से अवश्य ढकें। नियमित रूप से दिन में कई बार हाथों को साबुन-साफ पानी से धोएं, बुखार, खांसी, जुकाम, छींक गले में खराश, आंखों में लाली, सांस लेने में कठिनाई के लक्षण वाले व्यक्ति से कम से कम 1 मीटर दूरी अवश्य बनाकर रखें, उचित निस्तारण स्वाइन फ्लू के लक्षण होने पर बुखार, खांसी, जुकाम, ठीक गले में खरास, आंखों में लाली, सांस लेने में कठिनाई पर त्वरित रूप से नजदीकी सरकारी चिकित्सालय से तुरंत संपर्क करें। यदि फ्लू के लक्षण लगें तो-घर पर ही रहें, स्कूल, कार्यालय अथवा भीड़ वाले स्थानों पर न जाएं, बिना हाथ धोए अपनी आंख, मुंह एवं नाक को न छुंए। पौष्टिक आहार खायें, पानी खूब पीयें एवं पुरी नींद लें एवं शरीर को क्रियाशील रखें।
घर में कमरे की खिड़की खुली रखें ताकि बाहर की साफ हवा आए। 12 मार्च से वर्तमान स्थिति में स्वाइन फ्लू से पीड़ित बच्ची का चिकित्सा विषेशज्ञ की टीम निगरानी में निरंतर इलाज किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग एवं जिला प्रशासन के निर्देशानुसार विभाग के द्वारा निरंतर स्वाइन फ्लू से संबंधित बीमारी का प्रचार-प्रसार एवं वर्तमान में प्रभावित क्षेत्रों का डोर-टू-डोर सर्वे किया जा रहा है।