Home समाचार CST Bridge का आधा सीमेंट स्लैब गिरा , दुर्घटनास्थल पहुंचे फडणवीस

CST Bridge का आधा सीमेंट स्लैब गिरा , दुर्घटनास्थल पहुंचे फडणवीस

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मुंबई। मुंबई के सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशन छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) से डी.एन.रोड के दूसरी ओर ले जानेवाले फुटओवर ब्रिज का आधा सीमेंट स्लैब गुरुवार शाम 7.30 बजे भरभराकर गिर गया। इस दुर्घटना में 6 लोगों की मौत हो गई और 30 से अधिक लोग घायल हो गए।

हादसे के बाद मृतकों के परिजनों के लिए महाराष्‍ट्र सरकार ने 5-5 लाख रुपए एवं घायलों के लिए 50-50 हज़ार रुपए के मुआवजे की घोषणा की है। इसके अलावा सरकार ने रेलवे और बीएमसी के अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।

हादसे के बाद शुक्रवार सुबह घटनास्थल से पूरा मलबा हटा दिया गया है वहीं हादसे की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। घायलों का अस्पतालों में इलाज जारी है और इनसे मिलने के लिए मुख्यमंत्री देवेद्र फडणवीस अस्पताल पहुंचे और घायलों का हालचाल जाना।

घायलों से मिलने के बाद बाहर आए मुख्यमंत्री ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि 10 घायल यहां भर्ती हैं जिनमें से एक आईसीयू में है। घटना की उच्चस्तरीय जांच करवाई जाएगी।

इसके बाद मुख्यमंत्री घटनास्थल पहुंचे जहां उन्होंने हालात का जायजा लिया।

इस बीच हादसे का एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया है जिसमें पुल गिरने के बाद भगदड़ मचती नजर आ रही है। यह फुटेज उस सीसीटीवी कैमरे का है जो ब्रिज पर ही लगा था। इसमें देखा जा सकता है लोग बड़े आराम से ब्रिज क्रॉस कर रहे हैं तभी उसका हिस्सा गिर जाता है और भगदड़ की स्थिति पैदा हो जाती है।

हिमालया ब्रिज को कसाब ब्रिज भी कहते हैं

डी.एन.रोड के ऊपर से गुजरनेवाला यह ब्रिज “हिमालया ब्रिज” के नाम से जाना जाता है और छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस को आजाद मैदान पुलिस स्टेशन की ओर जानेवाली गली से जोड़ता है। 26/11 के आतंकी हमले के दौरान पाकिस्तानी आतंकी कसाब और उसका साथी इसी ब्रिज से होकर कॉमा अस्पताल पहुंचे थे। दक्षिण मुंबई से निकलकर उपनगरीय मुंबई और ठाणे के लिए जानेवाले इसी मार्ग से गुजरते हैं। दुर्घटना के बाद यह मार्ग बंद कर दिया गया है। मलबा हटाने की कोशिश की जा रही है।

पहले भी हुए हैं ऐसे हादसे

जुलाई 2018 में अंधेरी रेलवे स्टेशन के निकट भी रेलवे लाइनों के ऊपर से गुजरनेवाला एक पुल गिर गया था। इसमें पांच लोग घायल हुए थे। सुबह 7.30 बजे वह दुर्घटना होने के कारण पुल पर अधिक भीड़ नहीं थी। इसलिए दुर्घटना से अधिक लोग प्रभावित नहीं हुए। उल्लेखनीय है कि करीब दो साल पहले एल्फिंस्टन रोड स्टेशन पर हुए हादसे में भी 23 लोग मारे गए थे।

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