महोबा।
पूर्व रक्षा मंत्री एवं गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन पर आल्हा चौक पर पृथक बुंदेलखंड के लिए 261 दिन से चल रहे अनशन स्थल पर एक शोकसभा का आयोजन कि या गया। जिसमें पर्रिकर की तस्वीर पर माल्यार्पण करके श्रद्धांजलि दी गई। उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करने के लिए स्कूलों के बच्चे भी अनशन स्थल पर आयोजित शोकसभा में पहुंचे । बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकर ने कहा कि मनोहर पर्रिकर विशाल व्यक्तित्व वाले राष्ट्रीय नेता थे, वे भारतीय राजनीति में ईमानदारी और सादगी की मिसाल थे,लेकि न दुर्भाग्य से उनका अनुसरण करने वाले नेता बहुत कम हैं। एनबीआरआई के पूर्व प्रधान वैज्ञानिक डॉ. रामसेवक चौरसिया ने कहा कि ये श्री पर्रिकर की लोकप्रियता ही थी कि अल्पमत में होने के बावजूद गोवा में भाजपा सरकार बनाने में सफल हो सकी। शोकसभा को दिव्यांग प्रकोष्ठ के अध्यक्ष यशपाल सिंह परिहार, प्रशांत गुप्ता, सुधीर द्विवेदी, हरीओम निषाद, रामप्रकाश पुरवार, हरिश्चंद्र वर्मा, प्रेमनारायण त्रिपाठी, अरविन्द नगायच, अमरचंद विश्वकर्मा समेत कई लोग मौजूद थे।