Home छत्तीसगढ़ राष्ट्रीय ही नहीं, क्षेत्रीय हालात से जूझने वाला हो घोषणापत्र

राष्ट्रीय ही नहीं, क्षेत्रीय हालात से जूझने वाला हो घोषणापत्र

66
0


रायपुर

जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव की तारीख नजदीक आ रही हैं, राजनीतिक दल ज्यादा से ज्यादा वोट पाने के लिए बड़े-बड़े लुभावने वादे कर रहे हैं। सभी राजनीतिक पार्टियों के नेता जीतने के बाद आमजन का जीवन पूर्णरूप से परिवर्तित करने के दावे भी कर रहे हैं, लेकिन रायपुर लोकसभा क्षेत्र में शिक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य, यातायात जैसी प्रमुख समस्याएं लोगों के लिए मुद्दा बनी हुई हैं। लोगों की दरकार है कि दल की प्राथमिकता में उनकी समस्याएं होनी चाहिए। घोषणापत्र में लोकसभा क्षेत्र स्तर पर यहां की समस्याओं को जूझने वाला रूझान दिखना चाहिए।

प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस के नेताओं ने अपने-अपने दावे किये। वहीं विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों ने कहा कि राष्ट्रीय मुद्दों के साथ घोषणापत्र में क्षेत्रीय मुद्दे भी होने चाहिए। विशेषज्ञों की मानें तो किसी भी क्षेत्र या राष्ट्र के विकास एवं उत्पादकता का मुख्य स्तंभ तथा वैयक्तिक, पारिवारिक एवं सामाजिक प्रसन्नता, उन्नति व विकास का आधार घोषणा पत्र में स्पष्ट परिलक्षित होना चाहिए।

हमारी सरकार में मिला रोजगार और प्रदूषण भी घटा

देश में कांग्रेस ने सालों राज किया लेकिन जो विकास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में हुआ वह कभी नहीं हुआ। अंतरिक्ष में हम चौथे शक्तिशाली देश बने हैं। हमारी सरकार ने लोगों को हाउसिंग लोन में सब्सिडी दी, औद्योगिक विकास के साथ लोगों को रोजगार दिलाने के लिए स्टार्टअप योजना चलाई गई। प्रदूषण का जहां तक मामला है, भाजपा सरकार के कार्यकाल में रायपुर का प्रदूषण घटा है। किसानों के लिए सरकार की कई योजनाएं रहीं है। अभी हम लोगों तक पहुंचकर राष्ट्रीय स्तर पर एजेंडा बना चुके हैं। हमारी पार्टी लोगों के हित को ध्यान रखकर घोषणापत्र जारी करती है। जहां तक बीजेपी पर आउटसोर्सिंग का आरोप है तो इसमें गुमराह किया जाता है। आउटसोर्सिंग हुआ है, लेकिन इसमें बाहर के लोगों को काम नहीं राज्य के लोगों को ही काम दिया गया है। हमारी सरकार हर वर्ग को ध्यान में रखकर केंद्र स्तर पर काम कर रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने देश की सुरक्षा और साख को बढ़ाया है। जनता के लिए स्वच्छ भारत मिशन, उज्ज्वला, मुद्रा योजना, जनधन योजना आदि चलाया है।

– केदारनाथ गुप्ता, भाजपा प्रवक्ता

——

किसानों के लिए हमने किया बेहतर काम

भाजपा के सरकार में किसान परेशान रहे। प्रदेश में पिछले सालों में 1368 किसानों ने आत्महत्या कर ली। हमने जब विधानसभा चुनाव के समय घोषणापत्र बनाया तब किसानों की कर्जमाफी और धान के समर्थन मूल्य को बढ़ाने का वादा किया। 61 करोड़ रुपये हमने माफ कर दिया। आज प्रदेश में युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है। चिकित्सक और शिक्षक जैसे पदों को भरने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नियुक्ति की प्रक्रिया भी शुरू कर दी। आगामी लोकसभा चुनाव में भी हमारा राष्ट्रीय नेतृत्व काम कर रहा है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की न्यूनतम इन्कम गारंटी योजना लोगों को संबल देगी। प्रदेश के किसान बिजली बिल से परेशान थे। हमने बिजली बिल हाफ कर दिया । जनता ने कांग्रेस की सरकार पर विश्वास जताया है। हम लगातार नये काम कर रहे हैं। आने वाले लोकसभा चुनाव में जनता की समस्याओं को समाधान करने वाला घोषणा पत्र होगा। – विकास तिवारी, प्रवक्ता, कांग्रेस

बेटियां नहीं हैं सुरक्षित, शराब बंद करे सरकार

चाहे कांग्रेस हो या बीजेपी दोनों ने ही जो घोषणा पत्र जारी किया है। उसके कई ऐसे बिंदु हैं जिन पर आज तक काम ही नहीं हुआ है। शराबबंदी के नारे लगाने और घोषणापत्र में शराबबंदी को शामिल करने के बाद भी अभी तक पूर्ण शराबबंदी पर निर्णय नहीं लिया गया है। प्रदेश में महिलाओं के साथ लगातार यौन अपराध हो रहे हैं। इसे कम करने के लिए सुरक्षा का चक्र बनना चाहिए। महिलाएं खुलेआम बेखौफ होकर सड़क पर चल सकें, इसके लिए काम होना चाहिए। – ममता शर्मा, सामाजिक कार्यकर्ता

—–

क्षेत्रीय विकास पर फोकस नहीं

भाजपा हो या कांग्रेस दोनों ने ही क्षेत्रीय विकास पर फोकस नहीं किया। रायपुर की बात करें तो यहां लोग गंदगी, पेयजल संकट और प्रदूषण की मार से झेल रहे हैं। शिक्षा की प्रणाली में सामंजस्य नहीं। कर्मचारियों को पेंशन नहीं मिल रही है। पाठ्यपुस्तकों में तक भिन्नता है। गांवों में चौपाल नहीं, तालाब नहीं और रहने के लिए लोगों के पास घर तक नहीं। क्या यही विकास है। मेरा मानना है कि राष्ट्रीय पार्टियों को जनता की समस्याओं पर काम करना चाहिए । बड़ी-बड़ी बिल्डिंग विकास नहीं है इसमें जनता को राहत भी मिलनी चाहिए। – डॉ. योगिता बाजपेयी, अध्यक्ष, सर्वोदय भारत पार्टी

——

मिस कम्युनिकेशन के कारण नहीं मिला रोजगार

– केंद्र सरकार की बहुत सारी योजनाएं हैं, जिसका फायदा उठाकर लोग स्वरोजगार कर सकते हैं। इसकी वजह मिस कम्युनिकेशन रही। बिजनेस शुरू करने के लिए क्या करने हैं , यह जानकारी युवाओं तक नहीं पहुंच पाई। न्यूनतम आय की गारंटी देने की बात की जा रही है। इसका मतलब यह नहीं है कि युवाओं के पास क्वालिटी नहीं है। उन्हें योजनाओं का बेहतर जानकारी देकर लाभ दिलाया जा सकता है। स्वरोजगार के लिए लोन के विकल्प अभी भी मौजूद हैं। – सीए चेतन तारवानी, रायपुर

किसानों के लिए जलवायु आधारित हो योजना

हर राज्य की अपनी-अपनी आवश्यकता होती है। इसी तरह से छत्तीसगढ़ राज्य के परिवेश में जो राष्ट्रीय योजनाएं बने वे सिर्फ शहरीकरण को बढ़ावा देने वाले नहीं, बल्कि मौसम आधारित जन-जीवन को निर्भर करने वाला हों। क्योंकि जलवायु परिवर्तन आधारित खेती नहीं होने से किसानों को नुकसान हो रहा है। इसलिए प्रत्येक जिले की जलवायुु, मिट्टी, पैदावार को चिन्हित हो। साथ ही प्रदेश भर में लगभग 60 फीसद किसान कम रकबा वाले हैं, ऐसे में केंद्र की जो भी योजनाएं बनाई जाएं, उसमें इस वर्ग के किसानों का विशेष ध्यान रखा जाए। – डॉ.जीके दास, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक, इंदिरा गांधी कृषि विवि

——-

टेंडर प्रणाली में हो सुधार

स्किल्ड डेवलपमेंट के तहत इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट की पढ़ाई कर चुके युवाओं को दस से बारह हजार रुपये की नौकरी दी जा रही है। इसमें सुधार करने की आवश्यकता है। इसके अलावा टेंडर प्रणाली में सुधार करने की जरूरत है, क्योंकि इसके माध्यम से लागत कम होने की अपेक्षा सामग्रियों की कीमत अधिक ली जाती है। किसान के बच्चे बेरोजगार हो रहे हैं, उन्हें सही दशा-दिशा में लाने के लिए कोई ठोस नियम बने। इसी तरह से स्वास्थ्य, शिक्षा और रोजगार की दिशा में केंद्र सरकार योजनाएं लाए।

– डॉ. केपी वर्मा, वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक, इंदिरा गांधी कृषि विवि

—–

सिर्फ घोषणा या योजना से नहीं होगा

केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार का बजट, सिर्फ योजनाएं बनाने से कार्य नहीं होगा। कई सरकार योजनाएं बनाती हैं, लेकिन उन्हें भूल जाती हैं। इसलिए कृषि रिसर्चर होने के नाते यही कहना है कि कृषि क्षेत्र में नवाचार करने की जरूरत है। यह ग्रामीण स्तर से लेकर शैक्षणिक संस्थानों तक एक प्लानिंग के तहत होना चाहिए। – उत्तम दीवान, कृषि रिसर्चर

——

प्रदूषण की मार झेल रहे हैं हम

बिरगांव नगर निगम सहित आसपास के क्षेत्रों में मौजूदा समय प्रदूषण की बड़ी समस्या है। इससे लगातार आंखों में जलन, चर्म रोग, सांस फूलने संबंधी मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इसलिए केंद्र सरकार की खासकर प्रदूषण वाले क्षेत्रों में संचालित हो रही कंपनियों के लिए कोई ठोस प्लानिंग हो, जिससे रहवसियों को मौलिक अधिकारों का लाभ मिले। इसी तरह से अस्पताल, स्कूल, स्वच्छ जल आदि की व्यवस्थाओं में सुधार करने की आवश्यकता है। – इकराम अहमद, विधायक प्रतिनिधि बिरगांव

——

दिखावे की न हो घोषणा

कोई भी सरकार आए सिर्फ दिखावे व लुभावने के लिए घोषणा न करें। जनता के सामने पोल खुल रही है। चुनाव के दौरान घोषणा तो कर दी जाती है, लेकिन उसका फायदा लोगों को नहीं मिल पाता। इसलिए सिर्फ दिखावे की नहीं होनी चाहिए। सरकार को हर वर्ग का विशेष ध्यान रखना होगा, जातिगत न सोचे। – केशवराम सेन, पार्षद बिरगांव

—–

कर्जमाफी का लॉलीपाप कब तक

सिर्फ योजनाएं और किसानों का कर्ज माफ करने से देश का विकास नहीं किया जा सकता है। कर्ज माफी के लॉलीपाप से शहर की आधोसंरचना का विकास नहीं किया जा सकेगा। स्थानीय स्थर पर योजनाओं को पहुंचाना होगा तभी सही तरह से राज्य और देश का विकास किया होगा। – लोकेश बंजारी, अध्यक्ष, छग ऑडियो-वीडियो विजुवल एंड साउंड ओनर्स

——-

मूलभूत सुविधा ही नहीं

मौलिक सुविधाओं पर हर नागरिक का अधिकार होता है, इसलिए सिर्फ राजधानी में में नहीं, बल्कि सभी जगह सड़क बने, अस्पताल और स्कूल खुलें। बिरगांव में लगातार लोगों की आबादी बढ़ रही है, लेकिन मौलिक सुविधाएं सीमित हैं। इसमें सुधार करने की आवश्यकता है। इस पर सरकार का ध्यान जरूरी है। – हरेंद्र शर्मा, पार्षद, बिरगांव

कर्मचारियों को मिले पेंशन का लाभ

किसी भी शासकीय विभाग में तृतीय वर्ग कर्मचारी की भूमिका को नजर अंदाज नहीं किया जा सकता है। दुर्भाग्य है कि कई वर्षों से कर्मचारियों को संविदा पर रखकर सेवा ली जाती है। ऐसे कर्मचारियों को पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा है। सरकार सिर्फ कर्मचारियों को वोट की राजनीति का हिस्सा मानकर झुठे वादे करती है। कर्मचारी के अधिकारों का हनन न हो। सरकार अन्य योजनाओं के साथ इस वर्ग का भी ध्यान रखे। – अजय तिवारी, प्रांतीय उपाध्यक्ष, छग प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संगठन

खेल को बढ़ाने और खिलाड़ियों पर हो विशेष कार्य

चुनावी घोषणा पत्र में सभी वर्गों को शामिल किया जाता रहा है, लेकिन अब तक खिलाड़ियों को लेकर किसी तरह की प्लानिंग देखने को नहीं मिली है। ग्रामीण स्तर पर खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने का प्रयास कछुए की चाल की तरह है। सरकार को इस बात का ध्यान जरूर रखना होगा कि खेल और खिलाड़ी से देश भर में लोग जुड़े हुए हैं। हर घर में खिलाड़ी हैं। यह एक बड़ा वर्ग है। इस पर सरकार को गंभीरता से विचार कर घोषणा पत्र में शामिल करना चाहिए। ग्रामीण स्तर पर प्रतिभा की कमी नहीं है, उन्हें केवल तराशने की जरूरत है।- प्रवीण जैन, अध्यक्ष, कांग्रेस स्पोर्ट्स सेल, छत्तीसगढ़

रायपुर को फोकस करने वाला हो घोषणा पत्र

– रायपुर , भाटापारा, बलौदाबाजार में प्रदूषण का स्तर कम हो

– खिलाड़ियों के लिए प्रशिक्षण की पुख्ता व्यवस्था हो

– रायपुर के कई इलाकों व बिरगांव में पेयजल की समस्याओं का खत्म करने का एजेंडा हो

-जलवायु परिवर्तन आधारित खेती नहीं होने से किसानों को नुकसान हो रहा है।

-किसानों का कर्ज माफ करने से देश का विकास नहीं किया जा सकता

-प्रत्येक जिले की जलवायुु, मिट्टी, पैदावार चिन्हित हो

-लघु रकबा वाले किसानों के लिए भी तैयार हो योजना

-टेंडर प्रणाली में सुधार करने की जरूरत है

-इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर चुके युवाओं को रोजगार मिले।

– जनसंख्या के अनुपात के आधार पर कॉलेज-विवि खोलने का प्लान हो

– अस्पतालों की संख्या बढ़ाई जाये, सुविधाएं भी बढ़े