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‘मैं भी चौकीदार’ नारे वाले कप को लेकर चुनाव आयोग ने रेलवे को भेजा नोटिस

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”मैं भी चौकीदार” नारा लिखे पेपर कप के इस्तेमाल को लेकर चुनाव आयोग ने रेलवे को नया कारण बताओ नोटिस जारी किया है। एक यात्री के ट्वीट करने के कारण इसकी तस्वीर वायरल होने के बाद रेलवे ने बताया कि उसने नारे वाले कपों को हटा लिया है और ठेकेदार को दंडित किया है।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, चुनाव आयोग के सूत्रों ने बताया कि रेलवे को कहा गया है कि वह आदर्श आचार संहिता के प्राथमिक उल्लंघन पर शनिवार शाम तक विस्तृत जवाब दे। इसके लिये जिम्मेदार व्यक्ति के बारे में भी उसे बताने को कहा गया है। समझा जाता है कि इस मामले में चुनाव आयोग ने चुनाव आचार संहिता की नियमावली से ‘सत्ता में मौजूद’ पार्टी से संबंधित नियम लगाये हैं, क्योंकि इससे साफ पता चलता है कि सत्तारूढ़ पार्टी ने चुनावी प्रचार के लिये सरकारी यातायात सेवा का इस्तेमाल किया है।

एक लाख रुपये का जुर्माना

आईआरसीटीसी ने शुक्रवार को अपने बयान में कहा, ”ऐसी खबर है कि ‘मैं भी चौकीदार’ नारे लिखे कप में चाय दी गयी, जिसकी जांच की जा रही है। इसे आईआरसीटीसी से पहले अनुमति लिये बिना किया गया। ड्यूटी में लापरवाही को लेकर सुपरवाइजर/पैंट्री प्रभारियों से जवाब मांगा गया है। सेवा प्रदाता पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है और इस लापरवाही के लिये सेवा प्रदाता को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।” नारे लिखे इन कपों का इस्तेमाल 12040 काठगोदाम शताब्दी ट्रेन में हुआ था और इनमें लोगों को चाय दी गयी थी।

नागरिक उड्डयन मंत्रालय को दूसरा नोटिस

वहीं, दूसरी ओर चुनाव आयोग ने आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में नागरिक उड्डयन मंत्रालय को दूसरा नोटिस भेजा है। इस नोटिस में चुनाव आयोग ने मदुरै हवाई अड्डे के मामले में जवाब मांगा है। इसमें एयर इंडिया ने अपने बोर्डिंग पास पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर लगाई थी, जो कि वाइब्रेंट गुजरात समिट का विज्ञापन था। इसमें पीएम मोदी और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की तस्वीरें थीं।

क्या है मामला ?

बता दें कि हाल ही में प्रधीनमंत्री नरेंद्र मोदी ने मैं भी चौकीदार कैंपेन को लांच किया था, जिसमें पीएम ने खुद को चौकीदार बताया था। प्रधानमंत्री समेत कई मंत्रियों ने अपने ट्विटर अकाउंट के आगे चौकिदार शब्द लगा लिया था। आदर्श आचार संहित के तहत चुनाव आयोग राजनीतिक पार्टियों पर कई तरह के प्रतिबंध लगाता है। इसमें सरकारी योजनाओं के जरिए पार्टी का प्रचार-प्रसार भी शामिल है।