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पीएम मोदी ने सोमालिया में फंसी हैदराबाद की आफरीन और उनकी तीन बेटियों को बचाने के लिए की मदद

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सोमालिया में फंसी मुस्लिम महिला को बचाने के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आगे आए हैं। महिला पिछले वर्ष जुलाई माह से अपने ससुराल वालों के पास सोमालिया में फंसी है। महिला का नाम आफरीन बेगम है, उन्हें पीएम मोदी के हस्तक्षेप के बाद वापस भारत में लाने में सफलता मिली है। महिला और उनकी तीन लड़कियों को 28 मार्च को उनके ससुराल वालों से छुड़ा लिया गया है और आज महिला और उसकी बेटियां मुंबई एयरपोर्ट पहुंचेंगी।

पीएम मोदी का हस्तक्षेप

बता दें कि सोमालिया में भारत का दूतावास नहीं है, लिहाजा भारत का दूतावास नैरोबी हाई कमीशन से ही चलता है। यहीं से महिला को उसके ससुराल वालों से बचाने का अभियान चलाया गया। पुलिस की मदद से सोमालिया में महिला उसकी बेटियों को बचाने का अभियान चलाया गया। सोमालिया के कानून के अनुसार मां बिना अपने बच्चों के साथ पति की इजाजत के बिना देश से बाहर नहीं जा सकती है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब खुद सोमालिया के प्रशासन से बात की और आफरीन बेगम की जल्द से जल्द स्वदेश वापसी को सुनिश्चित किया।

हैदराबाद में रहता था परिवार

बता दें कि आफरीन का परिवार हैदराबाद के बशरथ नगर में रहता है। आफरीन बेगम का 2013 में मोहम्मद हुसैन दुआले से निकाह हुआ था। उस वक्त हुसैन हैदराबाद की एक कंपनी में काम करता था। लेकिन उसके पास कनाडा का पासपोर्ट था, उसका पूरा परिवार सोमालिया में रहता था। हुसैन और आफरीन जुलाई 2018 तक हैदराबाद में ही रहता था। इसके बाद हुसैन ने सोमालिया में अपने परिवार से मिलने की इच्छा जाहिर की, वह अपनी पत्नी और बच्चों के साथ जाता था। जिसके बाद 4 जुलाई को हुसैन परिवार समेत सोमालिया चला गया।

परिवार से संपर्क टूटा

अगले आठ महीने तक आफरीन अपने परिवार से संपर्क नहीं कर सकीं, उनके पास कभी-कभी व्हाट्सएप पर मैसैज आता था, जिसे आफरीन पड़ोस की महिला की मदद से बनाती थी। फरवरी 2019 मे ंआफरीन के पिता सैयद गफूर अली जोकि ऑटो रिक्शा चलाते हैं, उन्होंने विदेश मंत्रालय से संपर्क किया, जिसके बाद नैरोबी स्थित हाई कमीशन ने आफरीन की तलाश शुरू कर दी।

मुश्किल था मिशन

आफरीन को बचाने के मिशन में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि हमे महिला की कोई जानकारी नहीं थी वह सोमालिया में कहां है। मोगादिशू एक जगह है जहां हर 10-15 दिन में ब्लास्ट होता है। हम मुश्किल ऑपरेशन था, हमे दस्तावेज तैयार करने थे ताकि उसे बचाया जा सके। हमारे लिए यह मुमकिन नहीं था कि लंबे समय तक महिला को सोमालिया में रखे। ससुराल से बचाने के बाद आफरीन देश से बाहर नहीं जा सकी क्योंकि सोमालिया इमिग्रेशन के अधिकारी महिला को उसके बच्चों के साथ देश से बाहर जाने की इजाजत नहीं दे रहे थे।

पीएम के शुक्रगुजार

अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय के हस्तक्षेप के बाद चारो लोगों को सोमालिया से इथोपिया एयरलाइंस से एडिस अबाबा जाने की इजाजत मिल गई, जहां से वह मुंबई की फ्लाइट लेंगे, जिसके बाद वह हैदराबाद एयरपोर्ट पहुंचेंगे। आफरीन के भाई सैयद रहीम ने कहा कि हम बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, उसके बाद ही हम मुस्कुरा सकते हैं। हम विदेश मंत्रालय और प्रधानमंत्री के बहुत शुक्रगुजार हैं।