छत्तीसगढ़ में एक तरफ देश की रक्षा करने वाले वीर सपूत नक्सलियों के हमले में शहीद हो रहे हैं तो दूसरी ओर राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नक्सलियों के प्रति नरम रवैया अपनाने की बात कही है। शुक्रवार सुबह राजीव भवन में केंद्र की मोदी सरकार पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि गोली का जवाब हम बातचीत से देंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा, ”पिछले कुछ सालों में नक्सलियों की गोली का जवाब गोली से देने के कारण नक्सली पूरे देश में फैल गये। लेकिन अब हम नक्सलियों की गोली का जवाब वार्ता से करेंगे।” उन्होंने कहा कि सरकार नक्सल प्रभावित लोगों से वार्ता करेगी, लेकिन सबसे हास्यास्पद बात यह है कि जब मुख्यमंत्री नक्सलियों से वार्ता की बात प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोल रहे थे, तो उसी वक्त धमतरी जिले के खल्लारी और बोराई थाना क्षेत्र के मध्य चमेदा गांव के जंगल में सुरक्षा बल और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ चल रही थी। इस मुठभेड़ में सीआरपीएफ के एक हवलदार हरीश चन्द्र पाल शहीद हो गये।
पिछले 48 घंटे में यह दूसरी सबसे बड़ी नक्सल घटना है। इससे पहले कांकेर जिले के पखांजुर में नक्सलियों के साथ हुई मुठभेड़ में बीएसएफ के चार जवान शहीद हो गए थे और दो अन्य जवान घायल हो गए। ऐसे में छत्तीसगढ़ के कांग्रेस मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का नक्सलियों के प्रति विरोधाभासी बयान ऐसे समय में आया है, जब देश में पाकिस्तान के खिलाफ एयर स्ट्राइक की चर्चा चुनावी मु्द्दा बन चुकी है।