आज कल आप दो या तीन साल की उम्र के छोटे बच्चों को बेहतरीन ढंग से फोन ऑपरेट करते देख सकते हैं. बच्चों को फोन पर गेम खेलने, वीडियो देखने और फोन से चिपके रहने की मानो आदत सी पड़ गई है. लेकिन पांच साल से कम उम्र की बच्चों के लिए ये काफी हानिकारक है. पहली बार वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने इस बात को लेकर परामर्श (गाइडलाइन) जारी किया है कि आखिर पांच साल से कम उम्र के बच्चों को कितनी देर स्क्रीन देखनी चाहिए.
एक घंटे से ज्यादा स्क्रीन नहीं
डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि पांच साल से कम उम्र के बच्चों को हर रोज एक घंटे से ज्यादा स्क्रीन (टीवी या मोबाइल पर समय बिताना) नहीं देखनी चाहिए और अगर वो इससे भी कम समय स्क्रीन के सामने गुजारें तो और बेहतर होगा. डब्ल्यूएचओ की ओर से जारी दिशानिर्देशों में कहा गया है कि अभिभावकों में एक साल से कम उम्र के बच्चों को स्क्रीन से दूर रखने की सामान्य समझ होनी चाहिए.
इस परामर्श में हालांकि बच्चों के स्क्रीन टाइप को लेकर विशेषज्ञों में मतभेद हैं. कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि डब्ल्यूएचओ की व्यापक सिफारिशें बेहद कम साक्ष्यों पर आधारित हैं, जबकि डब्ल्यूएचओ ने कहा कि उसके इन दिशानिर्देशों ने सेहतमंद जीवनशैली को बढ़ावा देने के लिए वैश्विक प्रयासों में ‘खालीपन को भरने’ का काम किया है. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि एक साल से कम उम्र के नवजात बच्चों को हर रोज करीब आधे घंटे उनके पेट के बल लेटाना चाहिए. जब कि बड़े बच्चों को दिन कम से कम तीन घंटे फिजिकल एक्टिविटी करनी चाहिए.