राजस्थान के दिव्यांश पंवार ( Divyansh Panwar ) ने कमाल कर दिखाया है। शूटिंग के विश्वकप 2019 में चीन को हराकर मेडल हासिल किया है और ओलंपिक 2020 के लिए 10 मीटर राइफल वर्ग में क्वालिफाई भी कर लिया है। दिव्यांश ने चीन की राजधानी बीजिंग में आयोजित राइफल एंड पिस्टल वर्ल्ड कप ( ISSF Shooting World Cup in beijing ) में शुक्रवार को रजत पदक जीता है। चीन के हुई जिचेंग को हराकर दिव्यांश ने यह कामयाबी प्राप्त की है। 16 वर्षीय दिव्यांश पंवार का जयपुर से चीन तक का यह सफर बेहद रोचक है। दो साल पहले पिता अशोक पंवार जिस बेटे को चर्चित ऑनलाइन गेम PUBG खेलने पर डांटा करते थे, आज उसी बेटे ने सीना गर्व से चौड़ा कर दिया।
पबजी छुड़वाकर दिल्ली भेजा
पिता अशोक पंवार के अनुसार दिव्यांश को शूटिंग का बचपन से ही शौक था। यही वजह है कि वह महज 14 साल की उम्र में ही ऑनलाइन गेज पबजी खेलने की लत का शिकार हो गया था। PUBG खेलने के चक्कर में पढ़ाई पर भी ध्यान नहीं दे पा रहा था। दिव्यांश की PUBG की लत छुड़वाने के लिए पिता ने इसे दो साल पहले दिल्ली के कर्णी सिंह शूटिंग रेंज में कोच दीपक कुमार दुबे के पास प्रशिक्षण के लिए भेज दिया था। अब उसी पबजी लवर ने चीन में पदक जीता है। क्वालीफिकेशन में 629.2 अंक हासिल किए और फाइनल के तीसरे-अंतिम शॉट में 10.9 का स्कोर किया।
ऐसा लगा जैसे बेटे कई राउंड पबजी के खेले हो
दिव्यांश के शुक्रवार को चीन में पदक जीतने के बाद पिता ने अशोक पंवार ने कहा कि मैच में जिस तरह से बेटा अपने देश की झोली में पदक डालने के लिए टारगेट पर निशाने लगा रहा था तो मानो ऐसा लग रहा था कि वह अपने पसंदीदा Online Game PUBG कई राउंड खेल रहा हो। जिस बेटे को मैं दिनभर ऑनलाइन गेम पबजी खेलने के लिए डांटता था शुक्रवार को उसी की शूटिंग का मुकाबला ऑनलाइन देखा।
पदक जीतने के बाद यह बात कही दिव्यांश ने
दिव्यांश ने कहा कि आजकल के युवाओं की तरह मुझे भी पबजी खेलना बहुत पसंद है। हर समय PUBG खेलते रहने के कारण घर पर कई बार डांट खा चुका हूं, लेकिन अब मेरी प्राथमिकताएं बदल गई हैं। अब मुझे PUBG की बजाय देश के लिए पदकों पर निशाना लगाना है। यह मेरा बचपन से भी ख्वाब था, जो अब पूरा हो गया।
शूटर अभिनव बिंद्रा से मिलना सपना
दिव्यांश ने बताया कि शूटर अभिनव बिंद्रा मेरे आदर्श हैं। उन्हें खेलते काफी देखा है। मैं भाग्यशाली हूं कि अभिनव बिंद्रा सर ने बीजिंग ओलंपिक 2008 में शूटिंग में स्वर्ण पदक जीता था और आज में भी बीजिंग में ही पदक जीत पाया हूं। उनसे कभी मिला तो नहीं, मगर उम्मीद करता हूं कि भविष्य में कभी अभिनव बिंद्रा सर से मिलने का अवसर जरूर मिलेगा।
दिव्यांश का परिवार
दिव्यांश के पिता अशोक पंवार जयपुर के सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज में वरिष्ठ नर्सिंग स्टाफ के रूप में सेवाएं दे रहे हैं। मां निर्मला देवी भी नर्स हैं। घर पर ही मेडिकल स्टोर चलाती हैं। मां व बड़ी बहन अंजलि समेत परिवार के अन्य सदस्य पदक विजेता दिव्यांश का चीन से लौटने का बेसब्री से इंतजार है। हर कोई उसके स्वागत का बेताब है। दिव्यांश महावीर जैन स्कूल, जयपुर में 11 का स्टूडेंट है।