आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप 2019 भारतीय टीम विराट कोहली की अगुवाई में उतर रही है और उसे इंग्लैंड के साथ प्रबल दावेदार माना जा रहा है. वर्ल्ड कप मिशन पर जाने वाले भारतीय खिलाड़ियों ने आईपीएल में ना सिर्फ प्रदर्शन बल्कि फिटनेस का भी सबूत दिया और अब ये सब 22 मई को इंग्लैंड के लिए रवाना होंगे. हालांकि भारतीय टीम के बिजी शेड्यूल की वजह से बीसीसीआई को खिलाड़ियों के वर्कलोड की चिंता सता रही थी.
आखिर भारतीय खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया के लंबे दौरे के बाद न्यूजीलैंड पहुंचे और फिर भारत में कंगारू टीम की मेजबानी करने के बाद आईपीएल के मैदान में उतर गए. इसी वजह से बीसीसीआई ने वर्ल्ड कप में विराट कोहली एंड कंपनी के लिए एक खास डिवाइस का इस्तेमाल करने का फैसला किया है, ताकि खिलाड़ियों के वर्कलोड का पता लगाया जा सके.
हाईटेक डिवाइस का ऐसे होगा प्रयोग
बहरहाल, बीसीसीआई ने खिलाड़ियों के वर्कलोड को जानने के लिए वर्ल्ड कप में एक हाईटेक डिवाइस इस्तेमाल करने का फैसला किया है. यह जीपीएस परफॉमेंस ट्रैकिंग डिवाइस खिलाड़ियों के वर्कलोड और उनकी फिटनेस पर नजर रखेगी. स्टेटस्पोटर्स ने पिछले साल दिसंबर में खिलाड़ियों को इस हाईटेक डिवाइस का डेमो दिया था. इस डिवाइस को भारतीय खिलाड़ियों को टीशर्ट के अंदर लगाना होगा. यह जीपीएस सिस्टम शरीर से संबंधित सटीक जानकारी देगा जो खिलाड़ियों के वर्कलोड को समझने में काफी मददगार साबित होगा. इस जीपीएस परफॉमेंस ट्रैकिंग डिवाइस के जरिए खिलाड़ी के फिटनेस लेवल के अलावा हाई स्पीड रनिंग और डाइनामिक स्ट्रेस लोड आदि का भी पता चलेगा.
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कंपनी के साउथ एशिया के मैनेजर पंकज वानखेड़े के मुताबिक, यह डिवाइस खिलाड़ियों के कारगर साबित होगी. जबकि इस डिवाइस का इस्तेमाल श्रीलंका, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया की टीमों ने भी किया है.
इस कंपनी के साथ किया करार
भारतीय बोर्ड ने यह डील स्टेटस्पोटर्स के साथ की है. ग्रेट ब्रिटेन की यह कंपनी कई बड़ी टीमों के साथ काम कर चुकी है, जिसमें ब्राजील, इंग्लैंड, जर्मनी, पुर्तगाल की फुटबॉल टीमों के अलावा मैनचेस्टर युनाइटेड, लिवरपूल, आर्सेनल, बार्सिलोना, जुवेंतस, पेरिस सेंट जर्मेन जैसे क्लब शामिल हैं.
आपको बता दें कि भारतीय टीम मौजूदा वर्ल्ड कप में अपने अभियान की शुरुआत साउथ अफ्रीका के खिलाफ करेगी. यह मैच साउथेम्पटन में 5 जून को खेला जाएगा.