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सोशल मीडिया के दुरुपयोग से भरा रहा 2019 का लोकसभा चुनाव, 900 मामले आए सामने

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लोकसभा चुनाव में सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने के लिये पहली बार शुरू किये गये चुनाव आयोग के निगरानी तंत्र को पिछले सात चरण के मतदान के दौरान फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब सहित अन्य सोशल मीडिया माध्यमों के दुरुपयोग की लगभग 900 शिकायतें मिलीं.

सातवें और अंतिम चरण का मतदान रविवार को समाप्त होने के बाद आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक निर्वाचन नियमों का उल्लंघन करने वाली सबसे ज्यादा, 650 पोस्ट फेसबुक से हटायी गयी. आयोग को मिली शिकायतों के आधार पर फेसबुक इंडिया ने 482 राजनीतिक किस्म की ऐसी पोस्ट हटायी जिन्हें मतदान से 48 घंटे पहले के प्रचार निषेध अवधि (साइलेंस पीरियड) में चस्पा किया गया था.

इसके अलावा आयोग के निर्देश पर फेसबुक से 73 राजनीतिक विज्ञापन और मतदाताओं को भ्रमित करने वाली 43 पोस्ट को भी हटाया गया. इनमें 11 एक्जिट पोल से जुड़ी पोस्ट भी शामिल हैं. चुनाव आयोग में सोशल मीडिया निगरानी तंत्र के प्रभारी धीरेन्द्र ओझा ने बताया कि निर्वाचन नियमों का उल्लंघन करने वाली 220 पोस्ट ट्विटर से, 31 पोस्ट शेयर चेट से, पांच गूगल से और तीन व्हाट्सएप से पोस्ट हटायी गयीं.

उन्होंने बताया कि पेड न्यूज के मामलों में इस चुनाव में काफी गिरावट दर्ज की गयी. उन्होंने बताया कि पिछले सात चरण के दौरान पेड न्यूज की कुल 703 शिकायतें मिली इनमें से 647 शिकायतें सही पायी गयीं. पिछले चुनाव (2014) में पेड न्यूज के मामलों की संख्या 1297 थी.