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कांग्रेस सरकार सुप्रीम कोर्ट की अनुशंसा की अवहेलना पर उतारू : नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक

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भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश सरकार द्वारा श्रमिकों के कल्याण के लिए जारी योजनाओं को बंद करने के फैसले पर कड़ा ऐतराज जताया है। पार्टी ने कहा है कि ऐसा करके सरकार कर्मकार मंडल की राशि अन्य विभागों को ट्रांसफर करने का षड्यंत्र कर रही है, जिसका हर स्तर पर विरोध किया जाएगा। कांग्रेस सरकार कुतर्क कर रही है कि एक व्यक्ति दो विभागों की योजना का लाभ ले लेते है जबकि सच्चाई यह है कि दोनों योजना की पात्रता अलग-अलग है और योजना बंद होने से श्रमिकों के साथ नाइंसाफी हुई है।
प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा है कि श्रमिक क्षेत्र के 40 लाख असंगठित श्रमिकों के कल्याण की अनदेखी करके प्रदेश सरकार उनके व उनके परिजनों के समक्ष गहन संकट खड़ा करने पर आमादा है।

अंसंगठित श्रमिकों के लिए प्रसव, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि के लिए जिस राशि का प्रावधान किया गया है, उसमें राज्य सरकार का कोई अंशदान नहीं है। निर्माण कार्यों पर एक प्रतिशत शेष जमाराशि से श्रमिकों के कल्याण की ये योजनाएं संचालित की जाती हैं। अभी कर्मकार मंडल के पास करोड़ों रुपए हैं, इस राशि को ट्रांसफर करने की मंशा के तहत प्रदेश सरकार ने श्रमिक कल्याण योजनाओं पर डाका डाला है। श्री कौशिक ने कहा कि कर्मकार मंडल की यह राशि किसी भी सूरत में ट्रांसफर नहीं की जा सकती लेकिन प्रदेश सरकार आगे चलकर यही करने का इरादा संजोए काम कर रही है।

नेता प्रतिपक्ष श्री कौशिक ने कहा प्रदेश सरकार ऐसा करके सुप्रीम कोर्ट की उस अनुशंसा की अवहेलना भी कर रही है, जिसके तहत सामाजिक सुरक्षा की दृष्टि से चार आदर्श योजनाओं के क्रियान्वयन की बात कही गई है। इनमें से एक असंगठित श्रमिकों के कल्याण की कन्या विवाह योजना भी है। निर्धन कन्या विवाह योजना को भी बंद कर प्रदेश की कांग्रेस सरकार सुप्रीम कोर्ट की अनुशंसा की अवहेलना करने पर उतारू है। श्री कौशिक ने कहा कि पार्टी इस बारे में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित मॉनीटरिंग कमेटी से भी इस मामले में संज्ञान लेने का आग्रह करेगी।