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अंतरिक्ष का सुपरपावर बनेगा भारत, बनाएगा अपना स्पेस स्टेशन

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अंतरिक्ष में भारत का कद तेजी से बढ़ रहा है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) अंतरिक्ष में नए-नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है. अब इसरो की योजना अपना स्पेस स्टेशन स्थापित करने की है. इसरो प्रमुख के सीवन ने गुरुवार को यह जानकारी दी. यह प्रोजेक्ट गगनयान मिशनका ही विस्तार होगा.

सिवन ने कहा कि मानव अंतरिक्ष मिशन के लॉन्च के बाद गगनयान कार्यक्रम को बनाए रखना होगा. इसी के चलते भारत अपना स्पेस स्टेशनलॉन्च करने की योजना बना रहा है.

बता दें कि गगनयान योजना के तहत भारत 2022 में अंतरिक्षयात्रियों को स्पेस में भेजने वाला है. पिछले साल 15 अगस्त के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने इसकी घोषणा की थी. यह पहली बार होगा जब कोई भारतीय अंतरिक्षयात्री भारतीय मिशन के तहत अंतरिक्ष में कदम रखेगा.

सरकार ने रखा 1.43 अरब डॉलर का बजट

यह भारत का पहला मानवयुक्त अंतरिक्ष मिशन है. भारत सरकार ने इसके लिए अलग से 1.43 अरब डॉलर का बजट रखा है. इस मिशन के तीन अंतरिक्ष यात्रियों को सात दिनों के लिए अंतरिक्ष में भेजा जाएगा. समझा जाता है कि इस मिशन की लॉन्चिंग दिसंबर 2020 से शुरू हो जाएगी. अंतरिक्ष में भेजे जाने वाले क्रू मेंबर्स का फाइनल सिलेक्शन इसरो करेगा और फिर वायु सेना इन्हें प्रशिक्षित करेगी.

जुलाई में लॉन्च होगा चंद्रयान-2

इसरो ने बुधवार को अपनी महत्वकांक्षी परियोजना चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण की जानकारी दी थी. इसरो के मुताबिक, चंद्रयान-2 15 जुलाई को दोपहर 2.51 बजे चांद के लिए टेक ऑफ करेगा. इसरो के चेयरमैन के. सिवान ने बताया कि चंद्रयान-2 लूनरक्राफ्ट नासा के एक पैसिव एक्सपेरिमेंटल इंस्ट्रूमेंट को चांद पर ले जाएगा. पहली बार ये साउथ पोल से चांद की तस्वीर लेगा. अमेरिकी एजेंसी इस मॉड्यूल के जरिए धरती और चांद की दूरी को नापने का काम करेगी. बता दें कि इसरो 2008 में चंद्रयान मिशन की सफल लॉंचिंग कर चुका है.

अंतरिक्ष में ताकत बढ़ा रहा भारत

हाल के साल में भारत ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में लंबी उड़ान भरी है और दुनिया को अपनी ताकत का अहसास कराया है. बीते मार्च में भारत ने अंतरिक्ष में लाइव सैटेलाइट को मार गिराया. अपने ‘मिशन शक्ति’ की इस कामयाबी के बाद भारत उन चुनिंदा देशों की श्रेणी में शामिल हो गया, जिनके पास मिसाइल को अंतरिक्ष में मार गिराने की तकनीक है. अब तक यह क्षमता अमेरिका, रूस और चीन के पास थी. अंतरिक्ष में भारत की इस सफलता के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डीआरडीओ के वैज्ञानिकों और अधिकारियों को बधाई दी. साथ ही उन्होंने ‘मिशन शक्ति’ को लेकर देश के नाम संदेश भी दिया था.