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जबरदस्ती ‘आधार’ नंबर मांगने पर जाना पड़ सकता है जेल

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 आधार नंबर को लेकर पिछले कुछ समय से कन्फ्यूजन बना हुआ है। इसका उपयोग कहाँ होगा, कहाँ-कहाँ इसकी जरुरत है, ऐसे कही सवाल है जो कन्फ्यूजन बना हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में ‘द आधार एंड लॉज़ बिल’ 2019 को मंजूरी मिल गई है। इसका मतलब है कि यह ‘आधार एंड Other लॉज़ ओरडिअन्स, 2019 की जगह लेगा। इसके मुताबिक, बैंक खाता खोलने और नया मोबाइल कनेक्शन लेने के लिए अब आधार कार्ड जरूरी नहीं है।

बता दें कि कंपनी या फिर किसी भी संस्था की ओर से जबरदस्ती आप से आधार कार्ड नहीं मांग सकती है। ऐसा करने पर 1 करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। साथ ही हर दिन 10 लाख रुपये तक का अतिरिक्त जुर्माना लगाया जा सकता है। आधार का गलत इस्तेमाल दंडनीय है और इसके लिए 10 हजार रुपये तक का जुर्माना और साथ में तीन साल की कैद भी हो सकती है। सरकार की ओर से जारी जानकारी में बताया गया है कि इस फैसले के आधार पर अब रेग्युलेटर ईआईडीएआई को लोगों के हित में फैसले लेने और आधार के गलत प्रयोग को रोकने में मदद मिलेगी।

कुछ जानकारियां –
– किसी भी व्यक्ति को आधार के जरिये अपनी पहचान प्रमाणित करने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकेगा।
– बैंक खाता खोलने के लिए आधार दिखाना जरूरी नहीं होगा और मोबाइल सिम के लिए आधार देना अनिवार्य नहीं होगा।
– बच्चों को भी 18 साल के बाद अपना आधार नंबर रद्द कराने का अधिकार है।
– आधार एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन करने पर 1 करोड़ रुपये तक की सिविल पेनल्टी लगाई जा सकती है।