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छत्तीसगढ़ : पांचवीं अनुसूची क्षेत्र के नियमों को नहीं मान रहे

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मानपुर क्षेत्र के ग्राम खड़गांव एवं बोरिया तिब्बू में लौह अयस्क की खदानें संचालित हैं। यह क्षेत्र पांचवीं अनुसूची के अंतर्गत आता है। इसके बाद भी इस अनुसूची के नियम-कायदों को जिला स्तर के अफसर नहीं मान रहे हैं। यह आरोप लगाते हुए आदिवासी परिवहन समिति मर्यादित खड़गांव के पदाधिकािरयों ने एक बार फिर आंदोलन की चेतावनी दी है। राजधानी में प्रेसवार्ता लेकर संघ की ओर से मांगों को सामने रखी गई। बताया कि 15 वर्षों से यहां पर लौह अयस्क खदान का खनन सारडा एनर्जी रायपुर व गोदावरी पावर इस्पात रायपुर द्वारा किया जा रहा है। संघ की ओर से मांग की जा रही है कि वर्तमान में जितने भी माइंस के अंदर ठेका श्रमिक हैं, उसको नियमित किया जाए। परिवहन का पूरा कार्य आदिवासी परिवहन समिति मर्यादित खडग़ांव के माध्यम से करने की मांग की जा रही है। सीएसआर एवं खनिज निधि का उपयोग प्रभावित ग्रामों में करने की मांग उठाई गई। संघ के अध्यक्ष बालचंद कुरेटी का कहना है कि जिस सड़क के माध्यम से परिवहन किया जाता है, वह 2014 से राष्ट्रीय राजमार्ग 930 घोषित है। परन्तु आज भी परिवहन क्षमता 12 टन का है। यहां से 100 टन वाहनों का आवागमन होता हैं। बताया कि खदान संचालन के 10 एवं 12 वर्षों बाद किसी प्रकार आधारित प्रशिक्षण संस्था, कृषि, उपज प्रशिक्षण संस्था स्थापित नहीं किया गया। वनोपज आधारित किया जाए। परवार सिंह कोमरा ,मोतीलाल हिरवानी, नीरज ठाकुर महेंद्र साहू उपस्थित थे।