राजस्थान के बाड़मेर जिले के जसोल गांव में रविवार शाम राम कथा के दौरान बंवडर से पंडाल गिरने से 14 की मौत हो गई और 50 से ज्यादा घायल हो गए। जसोल में हुई मौतों के बाद राजस्थान सरकार ने बड़े आयोजनों के दौरान पंडाल लगाए जाने के संबंध में दिशा निर्देश जारी करने का फैसला किया है।सीएम ने घायलों से की मुलाकात
बाड़मेर पंडाल हादसे के पीड़ितों से मिलने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सोमवार दोपहर जोधपुर पहुंचे। एमडीएम अस्पताल में भर्ती छह मरीजों से गहलोत ने मुलाकात कर उनकी कुशलक्षेम पूछी। इसके साथ ही उन्होंने डॉक्टरों से भी इन लोगों के इलाज के बारे में जानकारी ली। घायलों से मुलाकात के पश्चात गहलोत ने कहा कि सभी घायलों का इलाज बेहतर तरीके से चल रहा है। इस हादसे में घायल होकर अस्पताल में भर्ती हुए घायलों को 20-20 हजार के मुआवजे की घोषणा गहलोत ने की।
टेंट के लिए जारी होगी गाइडलाइन
सीएम गहलोत ने कहा कि मैं बालोतरा में भी जाकर आया हूं। सभी घायलों का समुचित उपचार किया जा रहा है। हादसे में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना प्रकट करते हुए उन्होंने कहा कि भविष्य में इस तरह के हादसों को रोकने के लिए कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि बड़े आयोजनों के लिए लगाए जाने वाले टेंट के लिए एक गाइड लाइन जारी की जाएगी। इस गाइड लाइन के आधार पर ही भविष्य में ऐसे आयोजनों के लिए टेंट लगेंगे ताकि फिर कभी ऐसा कोई हादसा नहीं हो।
परिजनों को ढांढ़स बंधाया
अस्पताल में मरीजों से मिलने के बाद गहलोत इस हादसे में मारे गए जोधपुर के व्यवसायी अविनाश व्यास के घर पर गए और संवेदना प्रकट की। इससे पहले गहलोत ने जसोल व बालोतरा का दौरा किया। उन्होंने इस हादसे में मारे गए लोगों के घर जाकर परिजनों का ढांढस बंधाया। साथ ही अस्पताल में भर्ती मरीजों से भी उन्होंने मुलाकात की।
क्या है जसोल पंडाल हादसा
उल्लेखनीय है कि बाड़मेर जिले के बालाेतरा इलाके के जसाेल गांव में रविवार को दर्दनाक हादसा हुआ। यहां रामकथा के दाैरान उठे बवंडर से पहले ताे लाेहे के पाइपाें से बना पांडाल (डोम) 20 फीट ऊपर तक उड़ गया, फिर नीचे गिरा। इसके बाद उसमें करंट दाैड़ गया। इससे 14 श्रद्धालुओं की मौत हाे गई, जबकि 70 से अधिक घायल है। हवा का वेग इतना तेज था कि करीब डेढ़ मिनट में ही पूरा पांडाल तहस-नहस हाे गया और किसी को संभलने का मौका भी नहीं मिला।