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मौत का दूसरा नाम है ये उत्पाद ! विदेशो में है बैन लेकिन भारत में हर इन्सान इसे खाता है.

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लाइफबॉय

अमेरिका ने इस साबुन पर कुछ साल पहले ही प्रतिबंध लगा दिया था क्योंकि एक परीक्षण में यह पाया गया था कि यह साबुन मानव त्वचा के लिए अच्छा नहीं है. खाद्य और औषधि प्रशासन ने कहा है कि इस साबुन का निर्माता यह साबित करने में विफल रहा कि यह मानव त्वचा के लिए अच्छा है.

डिस्प्रिन (दर्द निवारक)

इस दवा का उपयोग दर्द को कम करने के लिए किया जाता है. लेकिन 2002 में अमेरिकी सरकार की ड्रग सेफ्टी बॉडी द्वारा 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए इसे प्रतिबंधित कर दिया गया. डिस्प्रिन के साइड इफेक्ट के कारण एक दुर्लभ स्थिति पैदा हो गई थी,

जो हमारे लीवर और मस्तिष्क की सूजन का कारण बन रही थी. इसलिए कईं बाहरी देशों ने इसके सेवन पर रोक लगा दी थी. लेकिन भारत के लोग बिना किसी डर के अपने दर्द को मिटाने के लिए इस दवा का सेवन कर रहे है.

हल्दीराम के उत्पाद

यूएसए में खाद्य और औषधि प्रशासन ने भारत में स्थित एक प्रमुख मिठाई और स्नैक्स निर्माता हल्दीराम के उत्पादों की बिक्री पर 2016 में प्रतिबंध लगा दिया था.

हल्दीराम के स्नैक्स, बिस्कुट, वेफर्स और अन्य उत्पादों पर किए गए परीक्षण और मिलावट के उच्च स्तर, खपत के लिए अयोग्य होने की वजह से इसपर रोक लगा दी गई थी जो हमारे देश में धड़ल्ले से बिक रहे हैं और लोगों की पहली पसंद बने हुए है.

समोसा

भारतीय लोगों में सबसे सस्ते और पसंदीदा स्ट्रीट फूड में से एक है – समोसा परंतु कईं देशों ने इसपर प्रतिबंध लगा दिया. उनके अनुसार यह शरीर के लिए खतरनाक होने के साथ-साथ रोगों की जड़ भी है.