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हॉस्पिटल ने परिवार को दिए थे 41 करोड़ रुपये,डॉक्टर की गलती से हुई थी नील आर्मस्ट्रॉन्ग की मौत..

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अमेरिका के सिनसिनाटी शहर में 2012 में दिल की सर्जरी के दो हफ्ते बाद नील आर्मस्ट्रॉन्ग की मौत हो गई. इसके बाद उनके परिवार वालों ने उनके सम्मान में एक श्रद्धांजलि जारी की थी. इसमें दुनिया भर में आर्मस्ट्रॉन्ग के प्रशंसकों को संबोधित किया गया था.

चांद पर चलने वाले पहले इंसान के प्रशंसकों को संबोधित करते हुए इसमें लिखा गया था, उनकी सेवाओं, काम पूरी करने की क्षमता और विनम्रता का सम्मान करें. उसमें कहा गया था कि अगर आप किसी साफ आसमान वाली रात को टहलने निकलें और चांद को अपने सामने मुस्कुराते देखें तो नील आर्मस्ट्रॉन्ग के बारे में सोचें और उन्हें एक बार आंख मारें.

आर्मस्ट्रॉन्ग के परिवार को दिए गए थे 41 करोड़ से ज्यादा रुपये
न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक निजी तौर पर 82 साल के इस महान इंसान की मौत पर उनके परिवार की प्रतिक्रिया काफी अजीब थी. उनके दो बेटों ने आरोप लगाया था कि सर्जरी के बाद हॉस्पिटल में सही से देखभाल न होने के चलते मून मैन की मौत हुई. उन्होंने यह आरोप मर्सी हेल्थ-फेयरफील्ड हॉस्पिटल पर लगाए थे. यहां तक कि एक जानकार ने भी कहा था कि हॉस्पिटल की गलती के चलते आर्मस्ट्रॉन्ग की जान गई. चांद पर जाने वाले पहले आदमी नील आर्मस्ट्रॉन्ग के बेटे ने कहा था कि उनकी सर्जरी होने के बाद ‘मून मैन’ की सही ढंग से देखभाल नहीं की गई, जिसके चलते उनकी मौत हो गई. हालांकि हॉस्पिटल ने इस बात का विरोध किया था लेकिन अंतत: हॉस्पिटल ने आर्मस्ट्रॉन्ग के परिवार को आपस में यह मामला सुलझाने के लिए 6 मिलियन डॉलर यानी करीब 41 करोड़ से भी ज्यादा रुपये दिए थे.

अब सामने आए कागजातों से पता चला है कि हॉस्पिटल ने इन आरोपों का विरोध किया था और अपना बचाव किया था लेकिन 6 मिलियन डॉलर यानी 41 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम परिवार को देकर निजी तौर पर इस मामले को निपटा लिया था. साथ ही पता चला है कि हॉस्पिटल ने इन शिकायतों और समझौते को सीक्रेट रखने की सिफारिश भी की थी. 
बता दें कि अगस्त, 2012 की शुरुआत में नील आर्मस्ट्रॉन्ग की बाईपास सर्जरी हुई थी. उनकी पत्नी ने एसोसिएटेड प्रेस को बाद में बताया था कि वो आश्चर्यजनक तरीके से सुधार कर रहे थे और गलियारे में टहल रहे थे. लेकिन जब नर्सों ने उनका एक अस्थायी पेसमेकर निकाल दिया तो उनके दिल के आसपास की झिल्ली से खून बहने लगा. जिसके बाद उन्हें कई सारी समस्याएं होने लगीं और अंतत: 25 अगस्त को उनकी मौत हो गई.

थोड़ी एहतियात से टाली जा सकती थी आर्मस्ट्रॉन्ग की मौत
न्यूयॉर्क टाइम्स अख़बार ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि आर्मस्ट्रॉन्ग की मौत से जुड़े वाकयों को जानने के बाद कई सारे जानकारों ने दावा किया है कि इस मौत को पूरी तरह से रोका जा सकता था. 2004 में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की बाईपास सर्जरी करने वाले डॉ. क्रेग स्मिथ ने कहा है कि आमतौर पर रोगियों में जब सीने के अंदर दिल से पेसमेकर निकाले जाने के बाद खून बहने की घटनाएं सामने आई हैं तो उन रोगियों को तुरंत ऑपरेशन रूम में ले जाया जाता है और ज्यादातर मामले में रोगियों को बचा लिया जाता है.