मध्य प्रदेश के श्योपुर में झोलाछाप डॉक्टर से इलाज कराना एक लड़की को महंगा पड़ गया. झोलाछाप डॉक्टर ने बुखार से पीड़ित लड़की को इंजेक्शन लगाया, जिससे लड़की की मौत हो गई. लेकिन डॉक्टर ने परिजनों को उसकी मौत के बारे में सूचना न देकर कहा कि ‘लड़की सो गई है, इसे घर ले जाओ.’ लड़की दो परिजनों ने देखा तो उसकी मौत हो चुकी थी. लड़की के परिजन और ग्रामीण उसका शव लेकर वीरपुर थाने पहुंचे और आरोपी दिनेश मौर्य के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. मामला श्योपुर जिले के सरना वीरपुर का है. यहां रहने वाली निशा आदिवासी को बुखार हुआ था. जिसके बाद उसे इलाज के लिए पास के छोलाछाप डॉक्टर दिनेश मौर्य के पास ले गए. जहां डॉक्टर साहब ने उसे इंजेक्शन लगाया. उसके बाद थोड़ी देर तड़पने के बाद निशा की मौत हो गई. जिसके बाद डॉक्टर साहब ने कहा कि लड़की को नींद आ गई है. फीस देकर इसे घर ले जाओ. बच्ची को लेकर जब परिजन घर पहुंचे तब बुजुर्गों ने इसे देखकर बताया की निशा की मौत हो चुकी है.
रसूखदार है निशा की मौत के बाद उसके परिजन और ग्रामीण उसका शव लेकर वीरपुर थाने पहुंचे और आरोपी दिनेश मौर्य के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. मृतक लड़की के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने भले ही केस दर्ज कर लिया है. लेकिन बताया जा रहा है कि आरोपी डॉक्टर दिनेश मौर्य की पत्नी सरपंच है और रसूखदार होने की वजह से पुलिस उसके खिलाफ कार्रवाई से बच रही है.