दिल्ली की तीन बार मुख्यमंत्री रह चुकीं शीला दीक्षित के नाम से एक विशेष पुरस्कार इसी वर्ष से शुरू किया जा रहा है। ‘संस्कृत श्री’ के नाम से शुरू होने जा रहे इस पुरस्कार को संस्कृत भाषा के क्षेत्र में विशेष योगदान देने वाली किसी विदुषी महिला को दिया जाएगा। इसके पुरस्कार के तहत महिला को प्रशस्ति पत्र और एक लाख रुपये नकद दिया जाएगा। इसकी घोषणा शीला दीक्षित के सम्मान में आयोजित एक श्रद्धांजलि कार्यक्रम के दौरान उनके सहयोगी रहे रमाकांत गोस्वामी ने की। शीला दीक्षित का देहावसान गत बीस जुलाई को इलाज के दौरान दिल्ली के एक अस्पताल में हो गया था।
पुरस्कार के बारे में जानकारी देते हुए शीला दीक्षित के मंत्रिमंडल में उनके सहयोगी रहे रमाकांत गोस्वामी ने बताया कि वे अखिल भारतीय संस्कृत साहित्य सम्मेलन की अध्यक्ष रही थीं। उनके प्रयास से ही संस्कृत भवन का निर्माण किया गया था।
उनके कार्यकाल में साहित्य के क्षेत्र के लोगों को विशेष सम्मान और सुविधाएं दी जाती थीं। इससे उनके कार्यकाल में संस्कृत के साथ-साथ हिंदी, उर्दू और अन्य भाषाएं भी समृद्ध हुईं। उन्होंने कहा कि इस पुरस्कार के माध्यम से संस्कृत प्रेमी विद्वत समुदाय उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करना चाहता है।