दिल्ली विधानसभा के अध्यक्ष राम निवास गोयल ने बागी आप विधायक कपिल मिश्रा को दल-बदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित कर दिया है.
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में भाजपा एवं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन में उनके चुनाव प्रचार से इस बात के संकेत मिलते हैं उन्होंने ‘अपनी मूल राजनीतिक पार्टी की सदस्यता’ छोड़ दी है.
बता दें कि, कपिल मिश्रा आम आदमी पार्टी के टिकट से करावल नगर विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे.
दिल्ली के ग्रेटर कैलाश से आप विधायक सौरभ भारद्वाज की शिकायत पर स्पीकर रामनिवास गोयल ने कपिल मिश्रा को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. उनसे पूछा गया था कि आखिरकार उनकी सदस्यता को क्यों न रद्द कर दिया जाए. इस मामले की सुनवाई के बाद स्पीकर ने कपिल मिश्रा को अयोग्य करार दे दिया.
विधानसभा अध्यक्ष द्वारा जारी आदेश के अनुसार मिश्रा की अयोग्यता इस साल 27 जनवरी से प्रभावी होगी, जब उन्होंने आम आदमी पार्टी के खिलाफ दिल्ली भाजपा प्रमुख मनोज तिवारी और केंद्रीय मंत्री विजय गोयल के साथ मंच साझा किया था.
आदेश के अनुसार, ‘उनके (मिश्रा के) कई ट्वीट, संवाददाता सम्मेलन, चुनाव प्रचार इत्यादि नरेंद्र मोदी और भाजपा के पक्ष में थे और किसी को भी यह संदेह नहीं हुआ कि उन्होंने स्वेच्छा से अपनी मूल राजनीतिक पार्टी की सदस्यता छोड़ दी है.’
इसके अनुसार, ’10वीं अनुसूची के पैरा 2 (1) (ए) के तहत उन्हें अयोग्य घोषित करने के लिये यह कोई महत्व नहीं रखता है कि उन्होंने औपचारिक रूप से आप से इस्तीफा दिया हो या भाजपा की औपचारिक सदस्यता ली हो.’
अयोग्य घोषित किए जाने के बाद मिश्रा ने बयान जारी कर विधानसभा अध्यक्ष के आदेश को ‘अवैध’ और ‘अलोकतांत्रिक’ बताया और कहा कि वह इस आदेश को अदालत में चुनौती देंगे.
विधानसभा अध्यक्ष ने मुझसे कहा –
केजरीवाल का आर्डर हैं –
“कपिल मिश्रा ने मोदी के लिए अभियान चलाया हैं, MLA तो इसे रहने नहीं देंगे”
“सदस्यता ख़तम करनी ही होगी”
साथियों मुझे गर्व हैं कि मैंने मोदी जी के लिए अभियान चलाया
उन्होंने ट्वीट किया, ‘विधानसभा अध्यक्ष ने मुझसे कहा- केजरीवाल का ऑर्डर है, ‘कपिल मिश्रा ने मोदी के लिए अभियान चलाया है, एमएलए तो इसे रहने नहीं देंगे. सदस्यता खत्म करनी होगी. साथियों मुझे गर्व है कि मैंने मोदी जी के लिए अभियान चलाया. विधायक की कुर्सी हजार बार कुर्बान.’
मिश्रा ने कहा कि वह प्रधानमंत्री मोदी के लिए सिर्फ एक बार नहीं बल्कि ‘100 बार’ चुनाव प्रचार करने के लिए विधायक पद त्यागने को तैयार हैं.
बता दें कि, दिल्ली सरकार में जल संसाधन मंत्री के पद से हटाए गए कपिल मिश्रा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और मंत्री सत्येंद्र जैन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. इसके अगले ही दिन आप ने उन्हें निलंबित कर दिया था.