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एक साल से कम समय में दिल्ली ने खोए अपने तीन पूर्व मुख्यमंत्री

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पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) का मंगलवार देर रात एम्‍स में निधन हो गया. दिल्‍ली के लोगों के लिए यह इसलिए भी ज्‍यादा बड़ी दुख की बात है क्‍योंकि उसने एक साल से कम समय में अपने तीन पूर्व मुख्यमंत्री खो दिए हैं. इनमें दो महिला मुख्‍यमंत्री हैं. सुषमा स्वराज अक्टूबर से दिसंबर 1998 तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रही थीं. उनका निधन हृदय गति रुकने से हो गया. 

तीन बार दिल्‍ली की सीएम रहीं शीला दीक्षित का जुलाई में हुआ निधन
दिल्ली की तीन बार मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित का जुलाई, 2019 में हृदय गति रुक जाने से निधन हो गया था. वह 1998 से 2013 तक लगातार 15 साल दिल्ली की सीएम रहीं. वह केरल की राज्यपाल भी रहीं. वह दिल्ली की दूसरी महिला मुख्यमंत्री थीं और देश की पहली ऐसी महिला मुख्यमंत्री थीं, जिन्होंने लगातार तीन बार मुख्यमंत्री पद संभाला.

इसके अलावा वह 1984 से 1989 तक कन्नौज से सांसद और 10 जनवरी, 2019 से मृत्यु तक दिल्ली प्रदेश कांग्रेस समिति की अध्यक्ष रहीं. दिल्‍ली में हुए विधानसभा चुनाव, 2013 में कांग्रेस को मिली हार के बाद उन्‍होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव, 2017 में कांगेस की मुख्यमंत्री पद के लिये उम्मीदवार घोषित की गई थीं, लेकिन बाद में उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया‌. इसके बाद 10 जनवरी, 2019 को उन्हें दिल्ली प्रदेश कांग्रेस समिति की अध्यक्ष बनाया गया.

वर्ष 1993 से 1996 तक दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे मदन लाल खुराना का निधन 27 अक्टूबर, 2018 में हो गया था. वह 1993 से 1996 तक दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे. वह 2004 में राजस्थान के राज्यपाल भी रहे. वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और बीजेपी के सदस्य रहे.मदन लाल खुराना उन नेताओं में शामिल थे, जो बीजेपी की स्थापना से पहले से ही संघ परिवार से जुड़े हुए थे. वह 1965 से 1967 तक जनसंघ के महासचिव रहे और दिल्ली में जनसंघ के चर्चित चेहरों में रहे. 90 के दशक में खुराना बीजेपी की दिल्ली इकाई का चेहरा थे‌. कार्यकर्ताओं उन्हें ‘दिल्ली का शेर’ कहते थे. इस तरह दिल्ली ने एक साल से भी कम समय के अंतराल में अपने तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों को खो दिया.