पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद गुरुवार को देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित करेंगे। मुखर्जी करीब पांच दशक से राजनीति में हैं, इस दौरान वह कांग्रेस पार्टी के साथ-साथ और इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह की सरकार के समय पर विभिन्न पदों पर भी आसीन रहे हैं। 83 वर्षीय मुखर्जी साल 2012-2017 तक देश के 13वें राष्ट्रपति थे। इससे पहले वह साल 2009-2012 तक वित्त मंत्री के पद पर भी रह चुके हैं। उन्होंने वित्त मंत्री रहते हुए मनमोहन सिंह को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के गवर्नर के पद के लिए नियुक्ति पत्र पर हस्ताक्षर किए थे।
मुखर्जी का जन्म 11 दिसंबर, 1935 में पश्चिम बंगाल के बीरभूम मिजे के मिराटी में बंगाली परिवार में हुआ था। उन्होंने राजनीति विज्ञान और इतिहास में मास्टर्स डिग्री हासिल करने के अलावा कोलकाता विश्वविद्यालय से एलएलबी की डिग्री भी हासिल की है।
पूर्व राष्ट्रपति को भारत रत्न मिलने की खुशी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है, “प्रणब दा हमारे समय के एक उत्कृष्ट राजनेता हैं। उन्होंने दशकों तक देश की निस्वार्थ और अथक सेवा की है। जिसने देश के विकास पथ पर एक मजबूत छाप छोड़ी है। मैं ये जानकर खुश हूं कि उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया जा रहा है।”
मुखर्जी के कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी बधाई दी है, राहुल ने कहा है, “भारत रत्न मिलने पर प्रणब दा को बधाई। कांग्रेस पार्टी इस पर बहुत गर्व करती है कि सार्वजनिक सेवा और राष्ट्र-निर्माण में अपार योगदान को सम्मानित किया गया है।”
खास बातें
- पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से सम्मानित करेंगे।
- 83 वर्षीय मुखर्जी साल 2012-2017 तक देश के 13वें राष्ट्रपति थे।
- पूर्व राष्ट्रपति को भारत रत्न मिलने की खुशी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बधाई दी है।