छत्तीसगढ़ में रायपुर रेलवे स्टेशन से केन्द्री तक की लगभग 22 किलोमीटर लंबा का एक्सप्रेस-वे (Express way) लोकार्पण होने से पहले ही अपनी गुणवत्ताविहीन होने के कारण धसकना शुरू हो गया है. इसको लेकर सूबे की सियासत ने एक नया रंग ले लिया है. इसको लेकर आरोप-प्रत्यारोप लगने भी शुरू हो गए हैं.
रायपुर रेलवे स्टेशन से केन्द्री तक बने एक्सप्रेस वे का हाल बेहाल हो गया है. लोकार्पण होने से पहले ही धसकने और मोटी-मोटी सड़क पर दरारे पड़ गई हैं. दरअसल बीजेपी के शासनकाल में इस एक्सप्रेसवे का निर्माण करीब 300 करोड़ रुपये की लागत से करवाया गया है. लेकिन बीजेपी शासनकाल में इसका लोकार्पण नहीं हो पाया था. इस प्रोजैक्ट को बीजेपी नेताओं का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जता रहा है, जिसको लेकर अभी भी उनको इससे लगाव है.
कुछ दिन पहले ही प्रदर्शन कर खुलवाया बता दें कि कुछ दिन पहले ही बीजेपी के नेताओं ने प्रदर्शन कर एक्सप्रेस वे लोकार्पण से पहले ही आम लोगों के लिए खुलवा दिया था. पूर्व विधायक व बीजेपी प्रवक्ता श्रीचंद सुंदरानी का कहना है कि आम लोगों की सुविधा के लिए एक्सप्रेसवे को खुलवाया गया था. अब यदि कोई दिक्कत आ रही है तो इसकी जांच की जानी चाहिए.
एक्सप्रेसवे पर लोगों की जान खतरे में हैं. अभी तक कई लोग इस एक्सप्रेसवे पर घायल हो चुके हैं. बीते बुधवार की रात हुई घटना के बाद पीडब्लूडी विभाग नींद से जागा है और इस पूरे भ्रष्ट्राचार के एक्सप्रेसवे की जांच के आदेश दे दिये हैं. बीती रात एक्सप्रेसवे गड्ढे में घुसने से कार पलट गई थी, जिसमें एक दंपत्ति घायल हो गए थे. प्रदेश के पीडब्ल्यूडी मंत्री ताम्रध्वज साहू का कहना है कि एक्सप्रेस वे निर्माण में हुई गड़बड़ियों की जांच की जाएगी. मामले में जिसकी भी लापरवाही सामने अएगी उसपर कार्रवाई की जाएगी.