Home छत्तीसगढ़ प्रधानमंत्री मोदी ने जिस संजीवनी ‘सोलो’ का जिक्र किया जानिए वो कहां...

प्रधानमंत्री मोदी ने जिस संजीवनी ‘सोलो’ का जिक्र किया जानिए वो कहां मिलती है और क्या हैं उसके फायदे..

87
0

जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को संबोधित किया। इस संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि लेह-लद्दाख एक ऐसी पवित्र धरती है जहां संजीवनी पायी जाती है। आपको बता दें जिस संजीवनी की बात प्रधानमंत्री कर रहे थे उसे लद्दाख में स्थानीय लोग ‘सोलो’ कहते हैं।

लेह-हिमालय की ऊंची चोटियों में जहां जिंदगी किसी चुनौती से कम नहीं है, वहां पर एक ‘आश्चर्यजनक जड़ी बूटी’ पाई जाती है। वैज्ञानिक इसके गुणों से इतने प्रभावित हैं कि उन्हें लगता है कि अब ‘संजीवनी’ की तलाश खत्म हो गई है। उनका दावा है कि इस औषधि की मदद से रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ शरीर को पर्वतीय परिस्थितियों के अनुरूप ढालने में भी मदद मिलती है।

ठंडे और ऊंचे स्थानों पर पाई जाने वाली इस औषधि का नाम रहोडियोला (Rhodiola) है। लद्दाख में स्थानीय लोग इसे ‘सोलो’ कहते हैं। इसके गुणों के बारे में लोगों को काफी समय तक पता नहीं था। स्थानीय लोग इस पौधे के पत्ती वाले हिस्सों को सब्जी के तौर पर इस्तेमाल करते हैं।

सोलो की यह है खासियत
लेह स्थित डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ हाई एलटीट्यूड रिसर्च (डिहार) ने इस औषधि की खोज की थी। संस्थान अभी पौधे के औषधीय गुणों के बारे में शोध कर रहा है। उनका दावा है कि यह औषधि सियाचिन जैसी प्रतिकूल जगहों पर रह रहे भारतीय सेना के जवानों के लिए चमत्कार साबित हो सकती है। डिहार के निदेशक डॉ. ओम प्रकाश चौरसिया ने बताया कि रहोडियोला रोगप्रतिरोधक प्रणाली को बेहतर रखने, ऊंची जगहों पर प्रतिकूल परिस्थितियों के अनुरूप शरीर को ढालने में मदद करने और रेडियोएक्टिव पदार्थों के प्रभाव से बचाने में लाजवाब है।

अवसाद कम करने और भूख बढ़ाने में कारगर
निदेशक डॉ. ओम प्रकाश चौरसिया ने बताया कि यह औषधि अवसाद को कम करने और भूख बढ़ाने में कारगर है। उनके मुताबिक, सियाचिन जैसी जगहों पर दूर-दूर तक जहां बर्फ की चादर बिछी होती है, जिससे जवानों में अवसाद का खतरा रहता है। प्रतिकूल परिस्थितियों से उनकी भूख पर भी नकारात्मक असर पड़ता है।

बढ़ती उम्र को रोकने में कारगर
डिहार के औषधीय संयंत्र में इस पौधे के गुणों की जांच कर रहे सुनील होता का कहना है कि ये बढ़ती उम्र को रोकने में सहायक है। ऑक्सीजन की कमी के दौरान न्यूरॉन्स की रक्षा करता है। वहीं डॉ. ओपी चौरसिया का कहना है कि उन्होंने प्रयोगशाला के लगभग 2 एकड़ क्षेत्र में रहोडियोला का सफलतापूर्वक प्लांटेशन कर लिया है।