मोदी सरकार ने ट्रेन के जनरल डिब्बों में सफर करने वाले यात्रियों को बड़ी राहत दी है। जनरल डिब्बों में सफर करने वाले यात्रियों को सीट के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस परेशानी से बचने के लिए रेलवे ने खास व्यवस्था शुरू की है। रेलवे ने फस्र्ट कम फस्र्ट सर्व के आधार पर बायोमीट्रिक टोकन सिस्टम की शुरुआत की है। इसकी जानकारी खुद रेल मंत्री पीयूष गोयल ने एक वीडियो के साथ ट्वीट कर दी है।
पहले पाओ, पहले आओ के आधार पर मिलेगी सीट
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट किया कि जनरल डिब्बों में यात्रा करने वालों के लिए रेलवे का बड़ा तोहफा: धक्का मुक्की और भीड़ भाड़ से सामान्य आदमी को राहत दिलाने के लिए रेलवे ने बायोमीट्रिक टोकन सिस्टम शुरू किया है। इसमें यात्रियों को फिंगरप्रिंट की सहायता से टोकन दिए जाएंगे और पहले आओ पहले पाओ के आधार पर सीट मिलेगी। रेल मंत्री ने एक वीडियो भी शेयर किया है। वीडियो में जनरल डिब्बों में सीट के लिए कितनी भागमभाग मची रहती है, यह दिखाया गया है। वीडियो में टोकन सिस्टम का कैसे प्रयोग कर सकेंगे इसकी भी जानकारी दी घई है।
फिलहाल मुंबई सेंट्रल और बांद्रा टर्मिनस स्टेशन पर है सुविधा
बता दें कि सामान्य दिनों में ही रेलवे में जनरल डिब्बों में जगह के लिए काफी मुश्किल होती है। त्योहार के मौकों पर तो स्थिति और भी खराब हो जाती है। ऐसे में इस व्यवस्था से लोगों को काफी फायदा होगा। बायोमीट्रिक सिस्टम अभी वेस्टर्न रेलवे के मुंबई सेंट्रल और बांद्रा टर्मिनस स्टेशन पर काम कर रहा है। इस सिस्टम के तहत प्लेटफॉर्म पर आरपीएफ स्टाफ सीसीटीवी के सामने एक काउंटर लगाते हैं जिसमें टोकन सिस्टम भी लगा होता है। यह पोर्टेबल है और प्लेटफॉर्म पर एक जगह से दूसरी जगह तक ले जाया जा सकता है।
टोकन के आधार पर यात्रियों को मिलती है बैठने की सुविधा
टोकन का वितरण ट्रेन खुलने से 60 से 90 मिनट पहले शुरू होता है। पहले आओ पहले पाओ के आधार पर टोकन बांटा जाता है। बाद में ट्रेन के प्लेटफॉर्म पर आने के बाद इन्हीं टोकन के आधार पर यात्रियों को एक एक करके कोच में बैठने की अनुमति दी जाती है। इस समय टोकन सिस्टम मुंबई सेंट्रल में जयपुर सुपरफास्ट एक्सप्रेस, करनावती एक्सप्रेस, गुजरात मेल और गोल्डन टेंपल मेल में लागू है तो बांद्रा टर्मिनस पर पश्चिम एक्सप्रेस, अवध एक्सप्रेस और महाराष्ट्र संपर्क क्रांति एक्सप्रेस के लिए काम कर रहा है।