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प्रधानमंत्री ने किया उद्धाटन, इन सांसदों को ही मिलेंगे अत्याधुनिक सुविधाओं वाले नए मकान

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सांसदों के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से लेस नए मकान (डुप्लेक्स) बनाए गए हैं, लेकिन ये केवल उन्हीं को मिलेंगे जो कम से कम चार बार सांसद रह चुके हैं। ये नए मकान लुटियन दिल्ली के नॉर्थ और साउथ एवेन्यू में पुराने मकान तोड़कर बनाए गए हैं। जानकारी के मुताबिक ये निर्धारित समय से छह महीने पहले बन गए हैं, जिनकी लागत 12 करोड़ रुपये कम आई है। 17वीं लोकसभा के सांसदों के लिए तैयार इन मकानों का सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया है।

क्या हैं सुविधाएं?

सासंदों के लिए तैयार किए गए स्टेट ऑफ द आर्ट इन डुप्लेक्स में सीसीटीवी, सीवरेज ट्रीटमेंट योजना, रेन वाटर हार्वेस्टिंग, जल संरक्षण, सोलर स्ट्रीट लाइट जैसी सुविधाएं हैं। इसके अलावा हर डुप्लेक्स के बाहर एक ड्राइंग रूम, डाइनिंग रूम, बाथरूम के साथ-साथ चार बेड रूम, किचन और पूजा रूम मौजूद हैं।

पहले 64 फ्लैट्स थेइस स्थान पर पहले 64 फ्लैट्स थे, जिन्हें तोड़कर 36 डुप्लेक्स बनाए गए हैं। इनमें से चार राज्यसभा सांसदों और 32 लोकसभा सांसदों के लिए हैं। बताया जा रहा है कि आने वाले समय में नॉर्थ और साउथ एवेन्यू में सभी पुराने फ्लैट्स तोड़कर 264 नए डुप्लेक्स बनाए जाएंगे। बता दें ये टाइप-7 कैटेगरी के हैं और हाउसिंग कमेटी के नियम के मुताबिक इसके पात्र चार या उससे अधिक बार के सांसद ही होंगे। हालांकि तीन बार के वो सांसद भी इसके पात्र हो सकते हैं, जो अपने राज्य में मंत्री रहे हैं। अभी तक 303 नए सांसद ऐसे हैं, जिन्हें मकान आवंटित हो चुके हैं। वहीं नए पुराने सांसदों को मिलाकर कुल 384 को मकान मिल चुका है। आने वाले दो दिन में 20 सांसदों को औपचारिक पत्र मिलेगा और अगले स्पताह तक बाकी बचे सांसदों को भी मकान अलॉट किए जाएंगे। वहीं कुछ सांसदों को मकान जल्द खाली करने को कहा गया है।

एक हफ्ते में खाली करने होंगे बंगले

पूर्व सांसदों को एक सप्ताह में सरकारी आवास खाली करने का लोकसभा की एक समिति ने अल्टिमेटम दिया है। अगर वे बंगलों को खाली नहीं करते हैं तो वहां बिजली, पानी और गैस का कनेक्शन काट दिया जाएगा। बता दें लोकसभा के ऐसे पूर्व सांसदों की संख्या 200 से भी अधिक है। जिन्होंने अभी तक सरकारी बंगलों को खाली नहीं किया है।

80 करोड़ रुपये आई लागत

इन मकानों को बनाने का टेंडर 92 करोड़ रुपये का था, जिसकी लागत 80 करोड़ रुपये ही आई है। इसका कुल क्षेत्रफल 418 स्क्वेयर मीटर है। अप्रैल 2017 में शुरू हुआ ये काम दिसंबर, 2019 में पूरा होना था। लेकिन ये तय समय से छह महीने पहले जून, 2019 में ही पूरा हो गया।