थाना तितावी के गांव सोहजनी जाटान की युवती की शादी 25/12/2013 को हिन्दू रीति-रिवाज के अनुसार जनपद मुजफ्फरनगर के थाना सिखेड़ा के गांव फाइमपुर विक्रांत काकरान पुत्र किरशनपाल की साथ हुई थी। जो कि युवतीसे वैवाहिक जीवन के दौरान एक बेटी छवि उर्फ युविका जिसकी आयु ढाई वर्ष हैं।
पीडि़ता का आरोप हैं कि जबकि शादी के कुछ दिन बाद ही सुसराल वालो द्वारा देहज की मांग की जाने की लगी। जो कि शादी में अपनी हैसियत से बढ़ चढ़कर की थी जिस्मव 21 लाख नकद व स्विफ्ट डिजायर कार व पूरा देहज का साजो सामान दिया था, उसके बावजूद भी कुछ मांग भी पूरी की गई। फिर भी देहज की मांग बार – बार की जाने लगी। और घोर यातनाए के साथ – साथ गाली -गलौच कर मारपीट भी करते थे। देहजलोभी की मांग पूरी नही की जा सकी तो छरू जून को सुसराल के पांच लोगों द्वारा फांसी लगा कर मारने का प्रयास किया गया। तथा ससुर किरनपाल द्वारा रेप का भी प्रयास किया गया।
प्रेस वार्ता करते हुए पीडि़त युवतीने आरोप बताया कि मेरा पति विक्रांत काकरान मेरे से देहज की मांग करता रहा और मेरे साथ गली -गलौच कर मार – पीट करने लगे जून को मेरे पति विक्रांत, सास राजेश, नन्द अर्चना उर्फ पिंकी, नंद रितु ने मिलकर मुझे फांसी लगा कर मारने का प्रयास किया गया। में उनसे किसी तरह से उनके चुंगल से छूटकर कमरे को लोक कर लिया उसी दौरान मैने डायल हंड्रेड को कॉल किया। तो जब डायल हंड्रेड पहुँची तो वे दरवाजे को काट रहे थे। वे फिर पुलिस को देख कर फरार हो गए। बताया कि उनका ये भी कहना था कि उसको फांसी देकर मार देंगे और पुलिस से साठ – गांठ करके आत्महत्या दिखा देंगे। पीडि़त का आरोप हैं कि मुकदमा दर्ज आरोपियों के खिलाफ 11 जून 2019 को मुकदमा पंजीकृत होने के बाद भी अभी तक कोई भी गिरफ्तारी नही की गई और आरोपी खुले आम अपनी जिंदगी जी रहे हैं।
और आरोपी मुझे फोन पर धमकी भी दे रहे हैं कि अगर तूने मुकदमा वापस नहीं लिया तो तेरे एकलौते भाई अनुज मलिक को जान से मार देंगे।
पीडि़ता का कहना हैं कि पुलिस ने विपक्ष वालो से पैसे लेकर मेडिकल रिपोर्ट के मुताबिक आईपीसी की धारा 307 मुकदमे में दर्ज नही की हैं। पीडि़त ने अपनी पीड़ा को लेकर महिला थाने, एसएसपी, डीएम, महिला आयोग, तथा उत्तर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी दरवाजा खट – खटाया फिर भी कोई इंसाफ मिलता नजर नही आ रहा हैं। पीडि़ता का कहना हैं कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकप्रिय नारा हैं कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ मै तो ये कहती हूं कि इस नारे को तो केवल कागजो में ही हैं या फिर इस नारे को जंग लग गया हैं। जब बेटियो को फांसी लगाई जाएगी तो बचेगी कहा से ओर पडग़ी क्या .पीडि़ता ने जर्नलिस्ट मीडिया सेंटर में प्रैस वार्ता कर पुलिस – प्रशासन को एक सप्ताह का टाइम दिया हैं और अगर एक सप्ताह में आरोपियों की गिरफ्तारी नही हुई तो में एसएसपी ऑफिस पर जाकर अपनी ढाई साल कीछवि उर्फ युविका के साथ पैट्रोल छिड़कर आत्मदाह कर लुंगी। आपको बताते चले कि पूर्व में कुछ दिन पहले इसी प्रकरण में एसएसपी अभिषेक यादव ने पूरा महिला थाना लाइन हाजिर किया गया था। लेकिन पीडि़ता को इस कार्यवाही से कोई सन्तुष्टि नही हैं। उनका कहना हैं कि मुझे इंसाफ तब मिलेगा जब मेरे सभी आरोपी सलाखों के पीछे होंगे।