मंगलवार को कर्नाटक की येदियुरप्पा सरकार का पहला मंत्रिमंडल विस्तार किया गया। इसमें राज्यपाल वजुभाई वाला ने 17 नए मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। इनमें दो नाम ऐसे हैं, जिनको लेकर विवाद हो रहा है। ये नाम हैं लक्ष्मण सावदी और सीसी पाटिल। ये दोनों 2012 में भी बीजेपी सरकार में मंत्री थे, लेकिन तब विधानसभा में पोर्न विडियो देखते हुए पकड़े जाने के बाद इन दोनों को इस्तीफा देना पड़ा था।
येदियुरप्पा ने गवर्नर को भेजी थी सिफारिश
कर्नाटक के मुख्यमंत्री अपनी सरकार बनने के 20 दिन बाद हुए अपने पहले मंत्रिमंडल विस्तार के लिए राज्यपाल वजुभाई वाला को 17 लोगों की लिस्ट सौंपी थी। गवर्नर के पास इन्हें मंत्री बनाए जाने की सिफारिश से पहले येदियुरप्पा की इस लिस्ट पर दिल्ली में पार्टी नेतृत्व की सहमति ली गई थी। इसमें तीसरे नंबर पर लक्ष्मण संगप्पा सावदी और चौदवें नंबर पर चंद्रकांतागौड़ा चनप्पागौड़ा पाटिल का नाम देखा जा सकता है, जिनपर विधानसभा में पोर्न देखने का विडियो सुर्खियों में रहा था। गौरतलब है कि सावदी अभी विधानसभा या विधान परिषद के सदस्य भी नहीं हैं।
विधानसभा में पोर्न देखने के आरोप लगे थे
इससे पहले फरवरी 2012 में लक्ष्मण संगप्पा सावदी और चंद्रकांतागौड़ा चनप्पागौड़ा पाटिल समेत कुल तीन मंत्री तब सुर्खियों में आए थे, जब उनका विधानसभा के अंदर अश्लील विडियो देखने वाला क्लिप वायरल हुआ था। जानकारी के मुताबिक सदन की कार्यवाही जारी थी और तीनों अपनी सीटों पर आराम से पोर्न विडियो देखने में मशगूल थे। इनकी इस हरकत का किसी को अंदाजा भी नहीं लगता अगर विधानसभा की कार्यवाही को अपने कैमरे में कैद कर रहा कैमरामैन इन जनप्रतिनिधियों पर फोकस नहीं करता। इस घटना के कारण उस समय बीजेपी सरकार की काफी किरकिरी हुई थी।
पोर्न देखने के बाद दिया था इस्तीफा
तब विधानसभा में अश्लील विडियो देखने के मामले ने इतना तूल पकड़ा था कि तीनों मंत्रियों को इस्तीफा देना पड़ गया था। उस समय लक्ष्मण संगप्पा सावदी कर्नाटक सरकार में कार्पोरेशन मंत्री थे। जबकि, सीसी पाटिल के पास महिला और बाल कल्याण जैसा विभाग था।
अभी भी 17 मंत्रियों की है गुंजाइश
कर्नाटक में सावदी और पाटिल समेत जिन 17 लोगों ने मंत्री पद की शपथ ली है उनमें- जगदीश शेट्टार, केएस ईश्वरप्पा, आर अशोक, श्रीनिवास पुजारी, एच नागेश, गोविंद एम करकजोल, अश्वत्थ नारायण सीएन, बी श्रीरामुलु, एस सुरेश कुमार, वी सोमन्ना, सीटी रवि, बासवाराज बोम्मई, जेसी मधु स्वामी, प्रभु चौहान, शशिखला और जोले अन्नासाहेब शामिल हैं। इन मंत्रियों में शशिकला एक मात्र महिला हैं। बता दें कि कर्नाटक में अधिकतम मंत्रियों की संख्या 34 हो सकती है, यानि अभी 17 और लोगों को मंत्री बनाए जाने की गुंजाइश बची है। इस पूरी लिस्ट को देखने के बाद लगता है कि येदियुरप्पा ने अपनी कैबिनेट में लिंगायत समुदाय को प्रमुखता से जगह दी है। ऐसा इसलिए क्योंकि लिंगायत समुदाय को कर्नाटक में भाजपा का मुख्य मतदाता माना जाता है। प्रदेश में कुल 39 लिंगायत विधायक हैं, खुद मुख्यमंत्री भी इसी समुदाय से आते हैं। यही वजह है कि सरकार में लिंगायत समुदाय के आठ विधायकों को शामिल किया गया है। इसका सीधा मतलब है कि मंत्रिमंडल में इस समुदाय का प्रतिनिधित्व लगभग 44 फीसदी हो चुका है।