मध्य प्रदेश में प्रशासनिक कार्यों में हो रही देरी और अनियमितता को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ कलेक्टरोंं से खफा हैं। प्रदेश में लगातार सीएम हेल्पलाइन की शिकायतों की संख्या बढ़ रही है। लेकिन उनका समय पर निकारण नहीं हो रहा है। समस्याओं के निपटारे में हो रही लापरवाही को देखते हुए मुख्यमंत्री सचिवालय ने प्रदेश भर के कलेक्टरों को पत्र लिख कर अगस्त में ही काम निपटाने के लिए निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने प्रदेश में जन अधिकार कार्यक्रम की शुरुआत की है। जिसमें वह जनता से सीधे संवाद करते हैं। बताया जा रहा है अगस्त तक सभी मामले निपटाने के लिए कलेक्टरोंं को कहा है जिसका रिपोर्ट वह खुद जन अधिकार कार्यक्रम में लेंगे। सीएम आफिस से कलेक्टरोंं को सख्ती से चेतावनी दी गई है कि वह अगले महीने पूरी तैयार से रहें। सभी मामलों की रिपोर्ट सीएम सीधे तौर पर कलेक्टरों से लेंगे।
प्रदेश में लगातार बढ़ रही शिकायतों से सरकार विपक्ष के निशाने पर है। लचर गवर्नेंस को लेकर अब मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कलेक्टरों को साफ संकेत दिए हैं कि जिन जिलों में ज्यादा शिकायतें लंबित हैं इसका मतलब है वहां शासन में सुधार की अधिक जरूरत है। सूत्रों के मुताबिक सीएम हेल्पलाइन में भी लंबित समस्याओं के लिए अब सीधे कलेक्टर को ही जिम्मेदार ठहराया जाएगा। सीएम के पीएस ने लिखा पत्र -सीएम सचिवालय के प्रमुख सचिव अशोक बर्णवाल ने सभी कलेक्टरों को पत्र भेजकर लंबित शिकायतों के त्वरित निपटारे का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि इन शिकायतों की समीक्षा मुख्यमंत्री कमलनाथ अगले महीने करेंगे, इसलिए बेहतर है कि जिन विभागों की शिकायतें हैं, उनसे निराकरण करवाएं।