पीएम मोदी (PM Modi) को आज यूएई (UAE) के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ऑर्डर ऑफ जायद (Order of Zayed) दिया जाएगा. अबू धाबी (Abu Dhabi) में पीएम मोदी क्राउन प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ( Sheikh Mohammed bin Zayed Al Nahyan) से मुलाकात करेंगे. दोनों नेता द्विपक्षीय वार्ता करेंगे. इसके बाद दोपहर में पीएम मोदी को ऑर्डर ऑफ जायद सम्मान से नवाजा जाएगा.
इस सम्मान के बारे में बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा है कि वो इस पुरस्कार के मिलने से बेहद सम्मानित महसूस कर रहे हैं. ये भारत और यूएई की बढ़ती भागीदारी का सबूत है. यह भारत की 1.3 अरब जनता का सम्मान है.
क्या है ऑर्डर ऑफ जायद?
ऑर्डर ऑफ जायद यूएई का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है. इस अवॉर्ड को यूएई के फाउंडिंग फादर माने जाने वाले शेख जायद बिन सुल्तान अल नाहयान के नाम पर दिया जाता है. प्रधानमंत्री मोदी यूएई के सर्वोच्च नागरिक सम्मान पाने वाले पहले भारतीय हैं. पीएम मोदी को ऑर्डर ऑफ जायद सम्मान से नवाजे जाने का ऐलान यूएई ने अप्रैल में ही कर दिया था. पीएम मोदी को अवॉर्ड दिए जाने की घोषणा करते हुए यूएई के प्रिंस ऑफ क्राउन ने अप्रैल में ही ट्वीट कर कहा था कि यूएई के राष्ट्रपति ने पीएम नरेंद्र मोदी को ऑर्डर ऑफ जायद सम्मान देने का फैसला किया है. शेख मोहम्मद ने लिखा,’भारत के साथ हमारे एतिहासिक और व्यापक सामरिक संबंध हैं. जो मेरे प्रिय मित्र प्रधानमंत्री मोदी की महत्वपूर्ण भूमिका की वजह से मजबूत हुआ है. पीएम मोदी ने इन संबंधों को बढ़ावा दिया है. उनके प्रयासों की सराहना करते हुए यूएई के राष्ट्रपति उन्हें जायद सम्मान देने जा रहे हैं. ‘
पीएम मोदी ने भी ट्वीट कर यूएई के प्रिंस ऑफ क्राउन को धन्यवाद दिया. उऩ्होंने लिखा, ‘थैंक यू योर हाईनेस मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान. मैं इस सम्मान को अत्यंत विनम्रता के साथ स्वीकार करता हूं. आपके दूरदर्शी नेतृत्व की वजह से हमारे रणनीतिक संबंधों ने नई ऊंचाइयां छुई हैं. यह दोस्ती हमारे लोगों और पूरी दुनिया की शांति समृद्धि में योगदान दे रही है. ‘
1995 से अब तक यूएई इस अवॉर्ड से दुनिया के कई बड़े नेताओं को सम्मानित कर चुका है. 1995 में पहली बार यूएई ने जापान के क्राउन ऑफ प्रिंस नारुहितो को इस अवॉर्ड से सम्मानित किया था. इसके बाद कतर, बहरीन, कुवैत और तुर्कमेनिस्तान के शेख को इस अवॉर्ड से सम्मानित किया गया.
2007 में यूएई ने इस अवॉर्ड को पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्ऱफ को दिया. इसी साल यूएई ने इस सम्मान से रूस के तत्कालीन राष्ट्रपति व्लामिदिर पुतिन को भी सम्मानित किया.
2010 में यूएई ने ब्रिटेन की महारानी क्वीन एलिजाबेथ 2 को ये सम्मान दिया. 2018 में चीन के राष्ट्रपति शीन जिनपिंग को भी ये सम्मान मिल चुका है.
पीएम मोदी को अवॉर्ड दिया जाना भारत और यूएई के रिश्तों में गर्मजोशी लाएगा. इससे दोनों देशों के रिश्तों में मजबूती आएगी. हाल के वर्षों में भारत और यूएई के बीच कई हाईलेवल के मीटिंग हुई है. दोनों देशों के नेताओं ने एकदूसरे के यहां दौरा किया है.
प्रधानमंत्री मोदी पहली बार अगस्त 2015 में यूएई गए थे. इसके बाद 2016 में अबू धाबी के क्राउन ऑफ प्रिंस मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान भारत आए थे.
2017 के गणतंत्र दिवस के मौके पर क्राउन प्रिंस चीफ गेस्ट थे. 2018 में पीएम मोदी ने एक बार फिर यूएई का दौरा किया. प्रधानमंत्री मोदी दुबई में हुए छठे वर्ल्ड गवर्नमेंट समिट के चीफ गेस्ट के तौर पर यूएई गए थे.
क्यों खास है इस वक्त अवॉर्ड का दिया जाना
पीएम मोदी को इस वक्त यूएई का सर्वोच्च नागरिक सम्मान का मिलन खास हो जाता है. पिछले दिनों भारत ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 को खत्म किया है. इसके बाद पाकिस्तान लगातार पूरी दुनिया में भारत को बदनाम करने की कोशिश में लगा है.
पाकिस्तान कश्मीर के मुद्दे पर मुस्लिम देशों का समर्थन जुटाने की कोशिश मे जुटा है. ऐसे वक्त में पीएम मोदी को ऑर्डर ऑफ जायद मिलना खास हो जाता है. इसका साफ मतलब है कि मुस्लिम देश पाकिस्तान के प्रोपेगैंडा पर यकीन नहीं कर रहे हैं और वो अपने मकसद में फेल रहा है.
कुछ दिनों पहले भारत में यूएई के राजदूत अहमद अल बन्ना ने भी कहा था कि यूएई ने जम्मू कश्मीर के पुनर्गठन के मोदी सरकार के फैसले में कुछ भी गलत नहीं पाया और ये पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है.
हालांकि इसके बाद भी पाकिस्तान के अखबारों में पीएम मोदी को अवॉर्ड दिए जाने की आलोचना हो रही है. पाकिस्तानी मीडिया लगातार इसके विरोध में लिख रहा है.