वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था में जान फूंकने के लिए कई बड़े ऐलान किए। उन्होंने बताया कि पूरी दुनिया के मुकाबले भारतीय अर्थव्यवस्था बेहतर है। उन्होंने कहा कि आज अमेरिका और चीन जैसे देशों के मुकाबले भारतीय अर्थव्यवस्था कहीं ज्यादा बेहतर है। उन्होंने कहा कि अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध और मुद्रा अवमूल्यन के चलते वैश्विक व्यापार में काफी उतार-चढ़ाव वाली स्थिति पैदा हुई है, पूरी दुनिया में आर्थिक उथल पुथल मची हुई है। आप भी जानिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक वृद्धि की गति बढ़ाने और विभिन्न क्षेत्रों के संकट को दूर करने के लिए शुक्रवार को की गई घोषणाओं की मुख्य बातें।
जानिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की बड़ी बातें
आर्थिक सुधार सरकार के एजेंडे में सबसे ऊपर है। 2014 से ही सुधार कर रहे हैं और ये आगे भी जारी रहेंगे। एफपीआई/घरेलू निवेशकों की शेयरों की खरीद-फरोख्त से होने वाली आय पर ऊंचे कर-अधिभार को समाप्त किया।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में शुरू में ही 70 हजार करोड़ रुपये की पूंजी डाली जायेगी। इससे बैंक बाजार में पांच लाख करोड़ रुपये तक की नकदी जारी करने में सक्षम होंगे।
बैंक रेपो दर में कटौती का फायदा सभी कर्जदार ग्राहकों तक पहुंचाएंगे। बैंक घर, वाहन और अन्य खुदरा कर्ज सस्ता करेंगे। कर्ज वितरण में तेजी लाने के लिये बैंकों में ईमानदार निर्णय को सुरक्षा प्रदान की जाएगी।
आवास वित्त कंपनियों को अतिरिक्त नकदी सहायता बढ़ाकर 30,000 करोड़ रुपये की गई।
छोटे एवं मझोले उद्यमों एमएसएमई) के लंबित जीएसटी रिफंड का 30 दिन में भुगतान।
एकल परिभाषा के लिये एमएसएमई अधिनियम में संशोधन पर विचार।
करदाताओं का उत्पीड़न समाप्त करने की दिशा में अब सभी कर नोटिस केंद्रीयकृत प्रणाली से जारी होंगे।
उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग में पंजीकृत स्टार्टअप को आयकर से सशर्त छूट।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड सीबीडीटी) सदस्य के तहत स्टार्टअप की समस्याओं के समाधान के लिए एक प्रतिबद्ध प्रकोष्ठ बनाया जाएगा।
31 मार्च 2020 तक खरीदे गए भारत स्टेज-चार उत्सर्जन मानक के वाहन पंजीकरण की पूरी अवधि तक परिचालन में बने रहेंगे।
31 मार्च 2020 तक खरीदे गए वाहनों पर 15 प्रतिशत के अतिरिक्त मूल्यह्रास की अनुमति।
सरकार/ केंद्रीय लोक उपक्रमों द्वारा देरी से किये जाने वाले भुगतान की निगरानी करेगा व्यय विभाग।
कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व सीएसआर) नियमों के उल्लंघन को दिवानी मामले की तरह देखा जाएगा, इसे आपराधिक मामलों की श्रेणी में नहीं रखा जाएगा।
अवसंरचना, आवासीय परियोजनाओं के लिए ऋण उपलब्धता बढ़ाने के लिए अलग निकाय गठित होगा।
ठंडे बस्ते में पड़ी बुनियादी परियोजनाओं को अंतिम रूप देने के लिए कार्यबल गठित किया जाएगा।
सरकार रिजर्व बैंक और बाजार नियामक सेबी के साथ बातचीत के बाद फंसे कर्ज की अदला-बदली का बाजार विकसित करने को कदम बढ़ायेगी।
विदेशी निवेशकों के लिए केवाईसी नियमों को सरल बनाया जाएगा ताकि उनकी बाजार तक पहुंच बेहतर हो सके।
अन्य क्षेत्रों के लिए आने वाले हफ्तों में और कदम उठाने की घोषणा।
रीयल एस्टेट क्षेत्र से जुड़े कदमों की घोषणा अगले हफ्ते की जाएगी।