पूर्व राष्ट्रपति (Former Preseident) प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) ने कहा कि 2024-25 तक 5 हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था (Economy) बनने के सरकार (Government) के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को दूरदर्शी आर्थिक प्रबंधन के माध्यम से हासिल किया जा सकता है.
पूर्व राष्ट्रपति (Former Preseident) प्रणब मुखर्जी (Pranab Mukherjee) ने कहा कि 2024-25 तक 5 हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था (Economy) बनने के सरकार (Government) के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को दूरदर्शी आर्थिक प्रबंधन के माध्यम से हासिल किया जा सकता है. मुखर्जी ने कहा कि जीएसटी (GST) में ज्यादा स्पष्टता की जरूरत है और पिछले वर्ष से अर्थव्यवस्था (Economy) में मंदी के कुछ संकेत नजर आने लगे थे जिससे जीडीपी वृद्धि (GDP Growth) दर कम हो गई.
निवेश के बगैर अर्थव्यवस्था में नहीं होगी बढ़ोतरी
असोसिएशन ऑफ कॉर्पोरेट अडवाईजर्स ऐंड एग्जिक्युटिव्स (CIA) के आयोजित सत्र में उन्होंने कहा, अगर वित्त व्यवस्था का सही तरीके से और दूरदृष्टि के साथ प्रबंधन किया जाए तो 5 हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है.निवेश के बगैर अर्थव्यवस्था में वृद्धि नहीं होगी.
वस्तु एवं सेवा कर (GST) के बारे में मुखर्जी ने कहा, जीएसटी लागू होने से कई कर खत्म हो गए. लेकिन इसमें सरकार की तरफ से अधिक स्पष्टता होनी चाहिए ताकि अनुपालन बेहतर हो सके. बढ़ती कॉरपोरेट धोखाधड़ी पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में इस तरह के घोटाले काफी बढ़ गए हैं.
सबसे पहले बजट में 5 ट्रिलियन इकॉनमी की बात हुई थी. इसके बाद पीएम मोदी ने भी वाराणसी में अपने भाषण के दौरान 5 ट्रिलियन इकॉनमी की बात कही थी. उन्होंने भरोसा जताया था कि भारत की इकॉनमी को 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाना संभव है. बता दें कि अगर भारत यह लक्ष्य हासिल कर लेता है तो वह जर्मनी को पछाड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा.