सरकार ने बुधवार को चीनी निर्यात के लिए 6278 करोड़ तक की सब्सिडी देने का देने की बात को मंजूरी दे दी है और इसके तहत मार्केटिंग वर्ष 2019 में करीब 60 लाख टन टन चीनी के निर्यात का भी लक्ष्य रखा गया है.
वहीं इसके अलावा आपको बता दें कि मार्केटिंग वर्ष 2019 20 अक्टूबर में शुरू किया जाएगा वहीं निर्यात पर सब्सिडी देने का मकसद सर्कस घरेलू स्टॉक खफा ना और किसानों की भारी-भरकम गन्ना बकाए का भुगतान करने में चीनी मिलों की मदद करना बताया जा रहा है.
इसके अलावा आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में चीनी निर्यात के लिए सब्सिडी देने का फैसला किया है इसके अलावा कैबिनेट बैठक के बाद इस बात की सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावेडकर ने यह बताया है कि किसानों के हित में एक अहम फैसला इस सरकार के तहत लिया गया.
इसके अलावा कैबिनेट ने 2019 में करीब करीब 7000000 टन चीनी के निर्यात के लिए सब्सिडी की मंजूरी दे दी गई है. वहीं चीनी मिलों के लिए प्रति यूनिट एक मुफ्त करीब ₹10000 तक की सब्सिडी भी दिए जाने की बात बताई जा रही है.
मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार बताया जा रहा है कि सरकार के इस ऐलान से उत्तर प्रदेश महाराष्ट्र और कर्नाटक का के लाखों किसानों को लाभ मिल सकता है. वही आपको बता दें कि देश भर में भारी वित्तीय संकट और बेरोजगारी व्याप्त है और ऐसे में अब सरकार के लिए बहुत जरूरी है कि वह कृषि की और अपना पूरा ध्यान दें.