हमारे भारत में घूमने के लिए बहुत से खूबसूरत जगहों के बारे में सुना होगा। जहां की खूबसूरती सभी को अपनी ओर आकर्षित करती है। ऐसी ही जगह है गुजरात, बता दें यहां स्थित पावागढ़ पहाडिय़ों के बीच बसा हुआ है ऐतिहासिक नगर चांपानेर। गुजरात के पांचमहल जिले में है यह छोटी सी नगरी, लेकिन यहां आप पाएंगे पुरातात्विक महत्व की लगभग 114 संरचनाएं जिनमें जैन मंदिर, मंदिर और मस्जिदें शामिल हैं। इन्हीं संरचनाओं के बीच आप देख सकते हैं ऐसी कुछ बेहद अनोखी संरचनाएं, जिन्हें देखकर अंदाजा हो जाता है कि दो हजार साल पहले भी लोगों की तकनीकी समझ कितनी उत्कृष्ट थी। जैसे पानी के अनेक जलाशय, जो कि इस पूरे नगर को जीवित रखने के लिए बड़े जरूरी थे। यदि यह कहें कि यह पूरा नगर अर्बन प्लानिंग का बेजोड़ नमूना रहा है, तो गलत नहीं होगा।
जामी मस्जिद- इस पूरे इलाके की सबसे सुंदर संरचना है जामी मस्जिद, जो इस्लामिक और भारतीय स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना है। इस मस्जिद मे 172 खंबे हैं, जो कि मुख्य गुंबद का आधार हैं। इस मस्जिद का निर्माण काल लगभग 15वीं शताब्दी माना जाता है। इसकी मेहराबें, गुंबद और मीनारें जहां इस्लामिक आर्किटेBर पर आधारित हैं वहीं झरोखे गुजराती वास्तुकला पर आधारित। इस मस्जिद में राजस्थान के रणकपुर स्थित जैन मंदिर की वास्तुकला और कार्विंग वर्क के हूबहू नमूने देखने को मिलते हैं। इस मस्जिद के पास में ही एक विशाल पौंड बना हुआ है जिसे हौज़-आ-वज़ू कहते हैं। यह मस्जिद पावागढ़ फोर्ट के रास्ते में आती है।शहर की मस्जिदयहां के सुल्तान और उनके राज परिवार के व्यक्तिगत इस्तेमाल के लिए बनवाई गई थी। इस मस्जिद में अनेक दर, गुंबद और दो मीनारें हैं। इस मस्जिद में जाली की नक्काशी का सुंदर काम देखने को मिलता है।
केवड़ा मस्जिद- यह मस्जिद दो मंजिली है। इसका मुख्य गुंबद अब मौजूद नहीं है। इसके मुख्य आधार स्तंभ पर सुंदर कर्विंग वर्क देखने को मिलता है।नगीना मस्जिदनगीना का अर्थ होता है कुछ खास। और ऐसी ही खास है इस मस्जिद की संरचना। इसे बनाने में बहुत कारीगरी दिखाई गई है। इसमें 3 मुख्य गुंब, 80 खंबे और अनेकझरोखे हैं। इसके पास ही एक स्टेप वेल है।लीला गुंबज-की-मस्जिदयह भी एक खूबसूरत संरचना है। इस मस्जिद के तीन प्रवेश द्वार हैं। इसकी संरचना में नक्काशी, कर्विंग वर्क देखने को मिलता है। एक मीनार की मस्जिदएक मीनार की मस्जिद का निर्माण बहादुर शाह ने करवाया था। इस मस्जिद में केवल एक मीनार है, जिसमें पांच मंजिलें हैं।
लाकुशिया माता का मंदिर- चांपानेर-पावागढ़ आर्कियोलॉजिकल पार्क में सबसे पुराना मंदिर लाकुया माता के मंदिर को माना जाता है। इसका समय 10-11 शताब्दी माना गया है। यह मौलिया पठार पर स्थित है। लाकुसिया शिव भगवान की भक्त थीं, जिनका यह मंदिर है।
कुनिया महादेव वाटर फॉल- अगर आपको ट्रैकिंग पसंद है तो यहां नजदीक ही एक खूबसूरत वाटरफॉल भी मौजूद है, जिसका नाम कुनिया महादेव है। यह बरसात के मौसम में बहुत खूबसूरत नजर आता है। जंगल के बीचों-बीच ऊंचाई से गिरता पानी सभी को आकर्षित करता है। बस आपको लगभग 1 घंटे की ट्रैकिंग करके जंगल में अंदर जाना होगा।