असम में एनआरआसी की लिस्ट जारी होने के बाद 19 लाख लोगों के नाम इस लिस्ट से लापता हैं। जिसकी वजह से तमाम विपक्षी दल केंद्र सरकार पर लगातार हमलावर हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने एनआरसी को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि आपने ऐसे लोगों का नाम इस लिस्ट में शामिल नहीं किया है जिनका भारत के अलावा कोई दूसरा घर नहीं है, जो यहीं रह रहे हैं। इसमे कई ऐसे लोग हैं जो 1971 से भारत में रह रहे हैं। शशि थरूर ने कहा कि कई लोगों की जमीन, परिवार, करियर, संपत्ति सबकुछ हमारे देश में है और अब एकदम से आप उन्हें कह रहे हैं कि वह विदेशी हैं।
इससे पहले सरकार की ओर से इन लोगों को 120 दिन का समय दिया गया है कि वह अपना पक्ष रख सकते हैं। यही नहीं सरकार ने फैसला लिया है कि जिन लोगों के नाम एनआरसी में नहीं है उन्हें सरकार कानूनी मदद भी मुहैया कराएगी। केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजेंस में जिन लोगों के नाम नहीं हैं और उन्हें कानूनी मदद की जरूरत है तो सरकार की ओर से यह मदद मुहैया कराई जाएगी।
गृह मंत्रालय की ओर से ट्वीट करके कहा गया है कि राज्य सरकार ने भी इस बाबत उचित व्यवस्था की है, जिन लोगों का नाम एनआरसी की फाइनल लिस्ट में नहीं है उनकी कानूनी मदद के लिए राज्य सरकार ने भी इंतजाम किए हैं। उन्हें डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विसेज अथॉरिटीज की ओर से हर तरह की मदद मुहैया कराई जाएगी। इसके अलावा सरकार की ओर से साफ किया गया है कि जिन लोगों के नाम एनआरसी में नहीं है, उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा और ना ही बंधक बनाया जाएगा। ये लोग एनआरसी में उनका नाम शामिल नहीं किए जाने को लेकर अपने सभी विकल्पों का इस्तेमाल कर सकते हैं।