आपको बता दें, कि गणेश चतुर्थी का पर्व पूरे भारत देश में मनाया जा रहा हैं वही आज शिक्षक दिवस भी हैं वही इस अवसर पर आज हम आपको गणेश जी के अंग से जुड़ी कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं, भगवान श्री गणेश को सभी देवी देवताओं में सबसे श्रेष्ठ माना जाता हैं
वही यही वजह हैं कि कोई भी शुभ कार्य करने से पहले भगवान गणेश का ध्यान किया जाता हैं वही शिव के गणों के अध्यक्ष होने के कारण इन्हें गणेश और गणाध्यक्ष भी कहा जाता हैं मोटे पेट, लंबे कान और चौड़े माथे वाले श्री गणेश भले ही शरारती और नटखट थे मगर बुद्धि में वह सबसे गुरु माने जाते हैं और उनका हर अंग ज्ञान की पाठशाला हैं।
जानिए गणपति के किस अंग से क्या शिक्षा मिलती हैं—
गणेश जी का चौड़ा माथा नेतृत्व का प्रतीक माना जाता हैं वही शास्त्रों के मुताबिक जिस मनुष्य का सिर बड़ा होता हैं उनमें नेतृत्व के गणु होते हैं इतना ही नहीं उनका बड़ा सिर यह ज्ञान भी देता हैं कि अपने सोच को छोटा नहीं बल्कि बड़ा बनाए। गणेश जी की छोटी छोटी आंखें यह ज्ञान देती हैं कि हर चीज को देख परख कर ही लें। क्योंकि ऐसा करने वाले कभी धोखा नहीं खाते हैं वही हिंदू शास्त्रों के मुताबिक छोटी आंखों वाले मनुष्य चिंतनशील और गंभीर प्रकृति के होते हैं।
लंबे कानों के कारण गणेश जी को गजकर्ण और सूपकर्ण भी कहा जाता हैं गणपति के लंबे कान से यह शिक्षा प्राप्त होती हैं कि जो भी बुरी बातें आपके कान तक पहुंचती हैं उसे बाहर ही छोड़ दें। बुरी बातों को अपने अंदर न आने दें